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संगीत सम्राट तानसेन की नगरी को मिला सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा, UNESCO ने क्रिएटिव शहरों में किया शामिल - UNESCO

Gwalior City Of Music: एमपी के फाउंडेशन डे पर ग्वालियर के नाम एक उपलब्धि जुड़ गई है. ऐसे में प्रदेश के इस शहर को सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा मिल गया है. UNESCO ने 55 शहरों के सूची में ग्वालियर को शामिल किया है. इस पर खुशी जाहिर करते हुए, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं.

Gwalior City Of Music
ग्वालियर को मिली म्यूजिक सिटी की पहचान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 3:33 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 5:00 PM IST

ग्वालियर। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर को अब "सिटी ऑफ म्यूजिक" के नाम से भी जाना जाएगा. आज UNESCO की तरफ से दुनिया के 55 क्रिएटिव शहरों की सूची में ग्वालियर को शामिल किया गया है. इसमें ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूज़िक के रूप में चुना गया है. ग्वालियर महान संगीतकार तानसेन नगरी है. इसके अलावा ग्वालियर में कई संगीत घराने है, जो देश और विदेश में अपनी अलग पहचान रखे हुए हैं. यही कारण है कि ग्वालियर में हर साल विश्व संगीत तानसेन समारोह का आयोजन भी किया जाता है. इसमें पूरे दुनियाभर के संगीत सम्राट शामिल होते हैं.


सिंधिया बोले नई पहचान मिलेगी: ग्वालियर को UNESCO की तरफ से चयनित किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- ग्वालियर के संगीत को विश्व पटल पर एक नई पहचान मिलेगी. एक नई उड़ान भी होगी. जहां अब विश्व म्यूज़िक पटल पर ग्वालियर का नाम होगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम, अब ग्वालियर में होंगे और इस पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इतिहास में वर्णित है.

तानसेन का मकबरा

एमपी टूरिज्म ने भेजा था प्रस्ताव: बता दें, मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग की तरफ से ग्वालियर को संगीत सिटी में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव में बताया गया था कि ग्वालियर महान संस्कृति और संगीत के इतिहास विरासत के लिए जाना जाता है. वहीं ,ग्वालियर का नाम UNESCO के सिटी में शामिल हो, इसके लिए सिंधिया ने पत्र लिखा था. उन्होंने इस पत्र में ग्वालियर के महान सांस्कृतिक व संगीत के इतिहास की चर्चा की और ग्वालियर घराने के महान संगीतकार बैजू बावरा और तानसेन का भी ज़िक्र किया था.

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इस समर्थन पत्र में केंद्रीय मंत्री ने ग्वालियर घराने में अभी भी चल रही है, गुरु शिष्य परंपरा की व्याख्या की थी. इसमें बताया गया था कि किस प्रकार आज भी सिंधिया घराना ऐतिहासिक संगीत और पारम्परिक वाद्ययंत्र को बजाने वाले कलाकार और उनकी कला जीवित रखे हुए हैं. इसके लिए सिंधिया घराने की तरफ से उनका संरक्षण किया जाता है.

ग्वालियर शहर


सिंधिया परिवार ग्वालियर घराने के संगीत औंर कलाकारों को संरक्षित करने के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं. ग्वालियर को हासिल हुई, इस उपलब्धि को जानकार सिंधिया घराने और खास कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार उठाए गए कदमों से जोड़ कर देख रहे हैं.

ग्वालियर को यूनेस्को ने दिया सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा
गौरतलब है कि "ग्वालियर घराना" हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत परंपरा में सबसे पुराना माना जाता है. यह घराना ख्याल गायकी के लिए सबसे प्रसिद्ध है. इसे ख्याल करने की गंगोत्री कहा जाता है. इस घराने की गायन शैली का आरंभ 19वीं शताब्दी में हद्दू खां, हस्सू खां और नत्थू खां के नाम से तीन भाइयों ने की थी.
Last Updated : Nov 1, 2023, 5:00 PM IST

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