मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Gwalior Court News: 38 साल के लंबे इंतजार के बाद पति को मिला तलाक, पत्नी को देने होंगे एकमुश्त 12 लाख - ग्वालियर कोर्ट न्यूज

मध्यप्रदेश में एक इंजीनियर को कई सालों बाद तलाक मिला. खास बात यह है कि पति ने इंजीनियर रहते हुए तलाक के लिया याचिका दायर की थी. जो तलाक पति को रिटायरमेंट के बाद सहमति से मिला है. हालांकि पति को पहली पत्नी को एकमुश्त 12 लाख देने होंगे.

Gwalior Court News
ग्वालियर कोर्ट

By

Published : Aug 6, 2023, 10:53 PM IST

पति को लंबे समय बाद मिला तलाक

ग्वालियर। पीएचई के रिटायर्ड इंजीनियर को तलाक के लिए 38 सालों तक इंतजार करना पड़ा. पहली पत्नी से तलाक के लिए उनका मामला भोपाल न्यायालय से शुरू होकर विदिशा न्यायालय कुटुंब न्यायालय, ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चला, लेकिन इंजीनियर को अब जाकर एकमुश्त 12 लाख रुपए अपनी पत्नी को देने के साथ विधिवत तलाक की अनुमति दोनों पक्षों की सहमति से मिली है. पहली पत्नी से इस इंजीनियर की शादी 1981 में हुई थी, लेकिन पत्नी को बच्चे नहीं होने के कारण दोनों में 1985 में अलगाव हो गया था.

पहली पत्नी से नहीं थे बच्चे, दायर की तलाक की याचिका: रिटायर्ड इंजीनियर भोपाल का रहने वाला है. जबकि उसकी पत्नी ग्वालियर की थी. दोनों की शादी 1981 में हुई थी. 4 सालों तक पत्नी को बच्चा नहीं होने पर जुलाई 1985 में पति ने भोपाल में तलाक के लिए आवेदन पेश किया, लेकिन उसका दावा खारिज हो गया. हालांकि पति पत्नी दोनों अलग-अलग रह रहे थे. इसके बाद पति ने विदिशा न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन दिया. इसके उलट दिसंबर 1989 में पत्नी ने संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए कुटुंब न्यायालय ग्वालियर में आवेदन पेश किया. कोर्ट ने इस मामले में एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए पति को तलाक लेने का अधिकारी माना और उसके पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद मार्च 1990 में पति ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन पहली पत्नी ने तलाक के आदेश के खिलाफ अपील की जो कोर्ट में स्वीकार हो गई.

यहां पढ़ें...

38 सालों बाद पति को मिला तलाक: यह मामला लगातार न्यायालय में झूलता रहा. अप्रैल 2020 में पति का विदिशा में लंबित तलाक का केस कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद पति ने हाई कोर्ट में अपील की. हाई कोर्ट ने पति की अपील 2006 में खारिज कर दी. इसके खिलाफ पति ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. पति की एसएलपी भी सुप्रीम कोर्ट से 2008 में खारिज हो गई. पति ने फिर तलाक के लिए 2008 में आवेदन दिया. जुलाई 2015 में विदिशा कोर्ट ने पति का आवेदन खारिज कर दिया था. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में अपील दायर की थी दूसरी पत्नी से इस रिटायर्ड इंजीनियर के दो बच्चे भी हैं. जिनकी शादी भी हो चुकी है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार अब पति-पत्नी सहमति से तलाक के लिए राजी हो गए हैं. अब इस मामले की सुनवाई फरवरी 2024 में होगी. हाईकोर्ट ने पति को निर्देश दिए हैं कि वह पत्नी को एकमुश्त 12 लाख रुपए चुकाएंगे. महिला के पिता पुलिस में अधिकारी थे. वह पत्नी को लगातार कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने में मदद कर रहे थे. उनकी सोच थी कि बेटी का परिवार किसी तरह पुनर्स्थापित हो जाए. अब बढ़ती उम्र और महिला के भाइयों की समझाइश के बाद पति पत्नी सहमति से तलाक लेने के लिए राजी हो गए हैं. यह मामला कुटुंब न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details