ग्वालियर।यह देश की दूसरी और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पहली प्रयोगशाला होगी. इस लैब में खतरनाक जीवों पर अनुसंधान कार्य और भविष्य में होने वाली आपदाओं के बारे में पता लगाने का कार्य किया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह लैब 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी. इस लैब से ग्वालियर का देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में नाम रोशन होगा.
लैब की सुरक्षा के होंगे तीन लेयर :DRDE की BSL-4 लैब की सुरक्षा को लेकर काफी चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी. इसकी सुरक्षा तीन लेयर में होगी. क्योंकि इस लैब में जिन सूक्ष्म जीवों का अनुसंधान होगा, वह बहुत ही खतरनाक होंगे. किसी तरह वहां से कोई वायरस बाहर निकला तो यह हवा के साथ कोहराम मचा सकता है. लैब की सुरक्षा के लिए 140 एकड़ परिसर में लगभग 500 मीटर की दूरी पर वॉच टॉवर का निर्माण किया जाएगा. इसमें लगभग 100 से अधिक वॉच टॉवर लगाए जाएंगे.