ग्वालियर। Gwalior Corona Update: इस समय देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (CoronaVirus New Variant) मिलने के बाद दहशत है और आशंका जताई जा रही है कि यह नया वेरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है. इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार के साथ ग्वालियर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है. जिला प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू कर दिया है, इसके बावजूद ग्वालियर शहर में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. हालात यह है कि ग्वालियर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर हजारों की संख्या में लोग बिना मास्क पहने बाहर निकल रहे हैं और सोशल डिस्टेंस का पालन भी नहीं कर रहे हैं (MP Corona New Guidelines).
कहने को धारा 144 लागू लेकिन कोरोना गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
ग्वालियर शहर में धारा 144 लागू है (Section 144 implemented in Gwalior), लेकिन इसके बावजूद शहर के हर इलाके में लोगों की भीड़ देखी जा रही है और लोग बिना मास्क पहने बेखौफ घूम रहे हैं. एक ओर जिले में कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ रही है,ऐसे में लोगों की ये लापरवाही आगे जाकर भारी न पड़ जाए. इसके साथ ही शहर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है (No mask No social distancing In Gwalior).
ग्वालियर में कोरोना गाइडलाइन दफ्तर से जारी हो रहे निर्देश
अभी हाल में ही कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा 144 लागू करने के साथ-साथ सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सड़क पर उतरे और जो लोग कोरोना गाइडलाइन (MP Corona New Guidelines) का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर चालानी कार्रवाई करें. लेकिन कलेक्टर के निर्देश के बाद कोई भी अधिकारी अभी तक सड़क पर नहीं उतरा है और लोग बेखौफ गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं. शहर में धारा 144 लागू होने के बावजूद भी अभी भी शहर में 90 फ़ीसदी लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दफ्तरों में बैठकर सिर्फ निर्देश जारी कर रहा है.
टारगेट के लिए कुछ भी करेगा एमपी स्वास्थ्य विभाग, बिना टीका लगाए भेज रहा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट
तीसरी लहर की आहट के बीच स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त नहीं
देश में ओमीक्रोन के दस्तक देने के बाद कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है, लेकिन शहर के सरकारी अस्पतालों में आपात स्थिति के लिए तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है. कई महीनों से प्रशासन भले ये कह रहा है कि कोरोना के निपटने के लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं, लेकिन यह दावे हकीकत में नहीं बदल पाए हैं. ऑक्सीजन के लिए जयारोग्य अस्पताल ,जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल हजीरा में प्लांट लगा है, लेकिन जेएएच को छोड़कर किसी भी अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू शुरू नहीं हो पाया है. उधर जयारोग्य अस्पताल परिसर में बन रही 1000 बिस्तर के अस्पताल का सी ब्लॉक का काम भी पूरा नहीं हो पाया है अभी तक प्रशासन के हैंडोवर नहीं हो सका है.