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Gwalior Crime News जीप से गांजे की तस्करी करने वाले आरक्षक को साथी सहित जेल भेजा

ग्वालियर जिले में गांजे की तस्करी करने वाले एक सिपाही को उसके साथी के साथ जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने उसे जीप से तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया था.

Gwalior constable smuggled cannabi
तस्करी करने वाले आरक्षक को साथी सहित जेल भेजा

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Published : Feb 21, 2023, 5:34 PM IST

ग्वालियर।डबरा कस्बे में सापुलिस के एक आरक्षक को अपने साथी के साथ गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उस पर एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सोमवार को एनडीपीएस की विशेष कोर्ट में पुलिस आरक्षक आकाश धाकड़ और उसके साथी को पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाने में पदस्थ आरक्षक आकाश धाकड़ अपने एक अन्य साथी के साथ दतिया की ओर से गांजे की खेप लेकर डबरा की तरफ आ रहा है.

जीप के साथ पकड़ा आरक्षक :इस सूचना पर क्राइम ब्रांच और डबरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करके संदिग्ध बोलेरो जीप को रोका, जिसमें विश्व विद्यालय थाने का आरक्षक आकाश धाकड़ और उसका साथी बैठा हुआ था. जीप की तलाशी लेने पर उसमें 15 किलो गांजा मिला. फिलहाल यह पता नहीं चला है कि गांजा तस्करी में पुलिस आरक्षक और उसका साथी कब से संलिप्त थे. डबरा पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया. दोनों आरोपियों को ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में सोमवार को दोपहर बाद पेश किया गया. जहां से कोर्ट के आदेश पर उन्हें केंद्रीय कारागार भेज दिया गया.

दागदार कर रहे खाकी :इससे पहले पुलिस के कुछ आरक्षकों को चलती ट्रेन में झांसी के सर्राफा कारोबारियों से 60 लाख रुपए लूटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यह मामला भी ग्वालियर में जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित है. इसमें जीआरपी और आरपीएफ के बर्खास्त और निलंबित पुलिसकर्मी शामिल थे. वर्दी की आड़ में पुलिस गंभीर अपराधों को भी अंजाम देने से नहीं चूक रही है. हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बेहद कम है. लेकिन पुलिस कर्मियों द्वारा अपराधों में बढ़ती उनकी संलिप्तता को लेकर आम लोग जरूर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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रेप का आरोपी दोषमुक्त :हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे राम रतन गोस्वामी नामक बुजुर्ग को दोषमुक्त करार दिया है. यह बुजुर्ग पिछले नौ सालों से जेल में बंद था. उसकी अपील कई सालों से कोर्ट में पेंडिंग पड़ी थी. गरीब होने के कारण वह कोई वकील नहीं कर पा रहा था. हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र के सभी जिलों को निर्देशित किया है कि वह अपने यहां जेल में बंद बुजुर्ग कैदियों के बारे में एक बार फिर से उनके मामले का संज्ञान लें, जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा हो चुकी है. कोर्ट के आदेश पर न्याय मित्र विजय सुंदरम ने इस मामले में रामरतन गोस्वामी की पैरवी की.

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