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अब कलेक्टर रखेंगे अचलेश्वर महादेव न्यास ट्रस्ट का लेखा जोखा, न्यायालय ने सुनाया फैसला

ग्वालियर जिला न्यायालय (gwalior district court verdict) ने अचलेश्वर महादेव न्यास ट्रस्ट मामले में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. अब कलेक्टर (gwalior collector) की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास ट्रस्ट की रोजाना आने वाली चढ़ोत्तरी, वहां के खर्चे और रखरखाव पर सीधे तौर पर कमेटी का हस्तक्षेप रखेगा.

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Published : Nov 28, 2021, 8:08 AM IST

gwalior high court
ग्वालियर हाई कोर्ट

ग्वालियर।जिले के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक अचलेश्वर महादेव न्यास ट्रस्ट (Achaleshwar Mahadev Trust) के मामले में जिला न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. न्यास के एक पूर्व ट्रस्टी संतोष राठौर ने निवर्तमान कार्यकारिणी पर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगाने के बाद उसके हस्तक्षेप को रोकने के लिए लगाई गई याचिका पर जिला न्यायालय ने यह फैसला दिया है.

अचलेश्वर महादेव

अब कलेक्टर करेंगे रखरखाव
अब कलेक्टर (gwalior collector) की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास ट्रस्ट की रोजाना आने वाली चढ़ोत्तरी, वहां के खर्चे और रखरखाव पर सीधे तौर पर कमेटी का हस्तक्षेप रखेगा. कमेटी में कलेक्टर के अलावा ग्वालियर एसपी (gwalior sp) और नगर निगम कमिश्नर शामिल हैं. गौरतलब है कि निवर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 मार्च 2019 को पूरा हो चुका है. पूर्व कार्यकारिणी ही कलेक्टर को मंदिर प्रशासन की बागडोर नहीं सौंपकर खुद ही संचालन कर रही है. इसे पूर्व ट्रस्टी ने अवैध बताया है.

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पूर्व ट्रस्टी का आरोप था कि 29 नवंबर को होने वाले विशाल अन्नकूट कार्यक्रम में मौजूदा कार्यकारिणी अनियमित तरीके से ट्रस्ट के दान के पैसों का दुरुपयोग कर रही है. इससे पहले 2005 में सत्र न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि 2 साल के लिए चुनी जाने वाली कार्यकारिणी चुनाव नहीं होने की दशा में पंजीयक लोक न्यास यानी कलेक्टर के आधिपत्य में रहेगी. कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि वह मंदिर के सभी खर्चों को सीधे तौर पर देखेंगे और उसका कैशबुक में उल्लेख भी करेंगे.

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