ग्वालियर।मध्य प्रदेश का ग्वालियर चंबल-अंचल एक ऐसा इलाका है. जहां पर खूनी खेल की गोलियां खेली जाती है. मामूली विवाद पर यहां सबसे पहले घर से बंदूक निकलती है और उसके बाद लोग एक दूसरे पर जान लेने पर उतारू हो जाते हैं. अभी हाल में ही दतिया जिले में ऐसी ही घटना सामने आई. जिसमें दोनों पक्षों में पशुओं को लेकर मामूली विवाद हुआ और उसके बाद यह विवाद खूनी खेल में बदल गया. दोनों पक्षों के लोग घर में रखी बंदूकों को निकाल कर लाये और उसके बाद एक दूसरे पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी. जिसमें पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. चंबल अंचल में ऐसी यह पहले कोई घटना नहीं है. यहां पर आए दिन खूनी खेल की घटनाएं सामने आती रहती है. इसके पीछे की क्या वजह है? और यहां पर लोग मामूली बात को लेकर क्यों एक दूसरे पर गोलियों की बौछार करने लगते हैं.... देखिए इस विशेष रिपोर्ट में
जर-जोरू और जमीन में जाती है जान:मध्य प्रदेश का ग्वालियर चंबल इलाका हमेशा से ही बगावत और वर्चस्व के लिए मान जाना जाता है. इस चंबल इलाके में लोग जर,जोरू और जमीन के लिए एक दूसरे की जान ले लेते हैं. यही कारण है की चंबल इलाके में देश के सबसे बड़े ऐसे खूंखार डाकू बीहड़ में उतरे थे. उनका मकसद सिर्फ जमीन विवाद और बदला लेने की सोच रही और यही कारण है कि यह प्रथा आज भी चली आ रही है. लोग यहां पर मामूली विवाद या अपनी इज्जत और वर्चस्व के सामने किसी के साथ भी खूनी खेल खेल सकते हैं.
चंबल-अंचल में सबसे ज्यादा लाइसेंसी बंदूके:मध्य प्रदेश का ग्वालियर चंबल अंचल वह इलाका है. जहां पर पूरे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक शस्त्र लाइसेंस है. अंचल के ग्वालियर-मुरैना-भिंड और दतिया ऐसे चार जिले हैं. जहां पर एक लाख से अधिक शस्त्र लाइसेंस की संख्या है और आज भी हजारों की संख्या में लोग शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए मंत्री विधायक और अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते फिरते हैं. यही सस्ता लाइसेंस लोगों की मौत का कारण भी बनते हैं, क्योंकि यहां के लोग मामूली विवाद पर सबसे पहले घर में रखे शस्त्र लाइसेंस बंदूक को लेकर आते हैं और उसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर देते हैं. जिसमें लोगों की जान चली जाती है.
पीढ़ियों तक चलती है दुश्मनी:ग्वालियर चंबल अंचल में अक्सर देखा जाता है कि यहां पर लोग मामूली बात पर बंदूक उठा लेते हैं और एक दूसरे को करने के लिए तैयार हो जाते हैं. यहां पर आज भी हजारों घर ऐसे हैं. जो पीढ़ी दर पीढ़ी दुश्मनी निभाती आ रहे हैं. जब पीढ़ी को मौका मिलता है, तो उसके बाद यह खून की होलियां खेलना शुरू कर देते हैं. जिनमें कई जान चली जाती है. आज भी कई ऐसी पीढ़ी हैं, जो सदियों से दुश्मनी निभाती रही है. इन दुश्मनी के पीछे सबसे अधिक कारण जमीन का है. यहां पर मामूली जमीन को अपना आत्म सम्मान समझते हैं और उसके लिए वह अपने पूरे परिवार को मिटा देते हैं. यही कारण है कि अक्सर जमीनों को लेकर चंबल में गोलियों की आवाज हर वक्त सुनाई देती है. जिसमें कई जान चली जाती है.