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CBI Special Court पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में सॉल्वर और परीक्षार्थी को 4-4 साल कैद व जुर्माना - जबलपुर एसपी को हाईकोर्ट का निर्देश

ग्वालियर की सीबीआई कोर्ट (Gwalior CBI special court) ने पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े (Police constable recruitment forgery) में सॉल्वर और परीक्षार्थी को 4-4 साल की कैद व जुर्माना की सजा सुनाई है. मामला 9 साल पहले का है. उधर, जबलपुर हाईकोर्ट ने एसपी को फरियादियों को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ, मुरैना जिला कोर्ट में गवाही ना देना एक फरियादी को महंगा पड़ गया. न्यायाधीश ने फरियादी को ही 7 दिन के लिए जेल भेज दिया. कोर्ट के बार-बार कहने के बाद भी वह बयान देने नहीं आ रहा था.

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पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में सॉल्वर और परीक्षार्थी को कैद व जुर्माना

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Published : Dec 23, 2022, 6:40 PM IST

ग्वालियर/जबलपुर/मुरैना । ग्वालियर में 30 सितंबर 2013 को आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा केंद्र में फोटो और सिग्नेचर मिसमैच होने पर परीक्षा केंद्र प्रभारी ने सॉल्वर धर्मेंद्र सिंह को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. जहां पूछताछ में उसने बताया कि वह मूल कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह की जगह परीक्षा देने पहुंचा था. वह दोनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं. 9 साल तक सीबीआई स्पेशल कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद सॉल्वर धर्मेंद्र सिंह और कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह को चार चार साल की सजा सुनाने के साथ ही दोनों पर अलग-अलग 14,100-14100 का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है.

जबलपुर एसपी को हाईकोर्ट का निर्देश : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहपुरा क्षेत्र में सरपंच चुनाव की रंजिश कोलेकर याचिकाकर्ता व उसके परिवार पर किये गये जानलेवा हमले व दी जा रहीं धमकियों के मामले को सख्ती से लिया. जस्टिस एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने मामले का पटाक्षेप करते हुए जबलपुर एसपी को निर्देशित किया है वह आवेदक व उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराये और आवेदक द्वारा दिये गये अभ्यावेदन का सात दिनों में विधि सम्मत तरीके से निराकरण करे.

जबलपुर एसपी को हाईकोर्ट का निर्देश

जानलेवा हमला किया था : शहपुरा निवासी प्रदीप पटेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था उसके ऊपर गांव के आदतन अपराधी संतोष लोधी, राजा लोधी एवंसुरेन्द्र लोधी द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच के चुनाव की रंजिश के कारण1 दिसंबर 2022 को प्राणघातक हमला किया गया था. साथ ही उसकी पत्नी के साथ अश्लील हरकत कर उसकी नई कार पूरी तरह से चकनाचूर कर दी गई. इतना ही नहीं आरोप है कि कार में रखे 5 लाख रुपये लूट कर ले गये और उक्त दिवस को उसकी पत्नी का अपहरण करने का प्रयास कर जान से मारने की धमकी दी गई.

पुलिस ने की लापरवाही :पुलिस थाना शहपुरा द्वारा मामूली धाराओं का मामला पंजीबद्ध किया गया था. जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. मामले में आवेदक की ओर से कहा गया कि उसके द्वारा पुलिस अधीक्षक जबलपुर को एक लिखित शिकायत कर उसकी जान, माल को सुरक्षा प्रदान की जाए. क्योंकि अपराधियों द्वारा फेसबुक में एक वीडियों पोस्ट वायरल कर यह धमकी दी गई थी कि याचिकाकर्ता एवं उसकी पत्नी जहां मिलेंगे तो उसका अपहरण कर जान से खत्म कर देंगे. जिस कारण वे अपने गांव नहीं जा पा रहे है और शहर में रह रहे हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता बालकिशन चौधरी, सूरज चौधरी एवं आशीष चौधरी ने पैरवी की.

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फरियादी को ही जेल भेजा :मुरैना कोर्ट में गवाही ना देना एक फरियादी को उस समय महंगा पड़ गया, जब न्यायाधीश ने फरियादी को ही 7 दिन के लिए जेल भेज दिया. यह मामला अंबाह न्यायलय का है, जहां बेटे के अपहरण का केस दर्ज करवाने वाला पिता कोर्ट के बार-बार कहने के बाद भी बयान देने नहीं आ रहा था. अंबाह थाना प्रभारी जितेन्द्र नागाइच ने बताया कि अंवाह निवासी रितुराज सखवार के बेटे अक्षय सखवार का अपहरण साल 2009 में हो गया था. अपहरण का यह केस पहले मुरैना जिला न्यायालय में चल रहा था, लेकिन 2015 में जब अंबाह तहसील न्यायालय बना, तब यह केस मुरैना जिला न्यायालय से अंबाह कोर्ट में ट्रांसफर हो गया. उक्त केस में फरियादी रितुराज सखवार के बयान होने थे, जिस कारण फैसला अटका हुआ था.

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