ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से जनता के लिए राहत भरी खबर आ रही है. नगर निगम की MIC ने 2021 से पहले के नलों के बिलों को माफ करने का फैसला लिया है. जिसका फायदा सीधे तौर पर ग्वालियर नगर निगम की सीमा के दायरे में आने वाली 12 लाख की आबादी को होगा. इस फैसले से लगभग 130 करोड़ रूपये के पानी के बिल माफ किए जाएंगे. दरअसल एमआईसी की बैठक आज ग्वालियर में महापौर शोभा सिकरवार की अध्यक्षता में 6 बिंदुओं को लेकर बुलाई गई थी. लेकिन पानी के बिलों का बिंदु इसमें था ही नहीं, महापौर शोभा सिकरवार ने एनवक्त पर इसे MIC में लाकर हरी झंडी दे दी है.
ग्वालियर में MIC की बैठक में बड़ा फैसला, कोरोना काल के 130 करोड़ के नल बिल किये जायेंगे माफ
ग्वालियर में नगर निगम की MIC बैठक आयोजित हुई, जिसमें महापौर शोभा सिकरवार ने जनता के पक्ष में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. 2021 से पहले के नलों के बिल माफ किये जाएंगे. इसका लाभ 12 लाख की आबादी को होगा. महापौर शोभा सिकरवार का कहना है कि कोरोना के दौर में आम इंसान परेशान था, इसलिए उन्होंने पानी के बिलों को माफ करने का फैसला लिया है, साथ ही आने वाले वक्त में गार्बेज शुल्क यानी सफाई कर को भी माफ करने प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
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सफाई कर को भी माफ करने का प्रस्ताव बना रहा: महापौर शोभा सिकरवार का कहना है कि''कोरोना के दौर में आम इंसान परेशान था, इसलिए उन्होंने पानी के बिलों को माफ करने का फैसला लिया है, साथ ही आने वाले वक्त में गार्बेज शुल्क यानी सफाई कर को भी माफ करने प्रस्ताव बनाया जा रहा है''. आपको बता दें कि एमआईसी का यह डिसीजन अब नगर निगम परिषद की बैठक में जाएगा, वहां बीजेपी बहुमत में है, इसलिए इस फैसले पर ब्रेक भी लग सकता है. अगर पास भी हो जाता है, तो यह राज्य शासन के पास जाएगा. यानी कांग्रेस की ग्वालियर मेयर शोभा सिकरवार ने अपने फैसले को बीजेपी के पाले में फेंक दिया है. ऐसे में बहुमत के आधार पर निगम में इस प्रस्ताव पर ब्रेक लगता है, तो मेयर के पास कहने को रहेगा कि हमने जनहित को देखकर फैसला लिया, लेकिन उसे बीजेपी ने रिजेक्ट कर दिया. क्योंकि निगम में बीजेपी के पार्षदों का बहुमत है.