ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर नशीले पदार्थों की तस्करी और उसकी विवेचना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि "ड्रग्स बरामदगी के मामले में पुलिस कैरियर या पेडलर को पकड़ लेती है, लेकिन ड्रग लाने का स्रोत और किन लोगों को यह पहुंचाया जा रहा है. इसको लेकर पुलिस स्थिति साफ नहीं करती है, जिसके कारण पुलिस की विवेचना दोषपूर्ण रहती है. इस बारे में पहले भी प्रदेश के पुलिस मुखिया को हाईकोर्ट ने ड्रग्स के मामलों में सतर्कता के साथ जांच करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसका पालन अब तक नहीं हो पा रहा है."
आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिजः ड्रग्स से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भिंड के आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिज की है. हाईकोर्ट ने पिछले साल 18 नवंबर को अपनी ओपिनियन में स्पष्ट किया था कि प्रदेश के डीजीपी ड्रग सरगना को पकड़ने की कोशिश करे. केवल ड्रग्स को इधर से उधर भेजने वालों तक ही अपनी कार्रवाई को सीमित नहीं करें. हाईकोर्ट ने यह भी सुझाव दिया था कि ड्रग्स के मामले में पुलिस अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग की जरूरत है. एक बार फिर हाईकोर्ट ने पुलिस मुखिया को ड्रग्स के मामले में विवेचना को जमीनी स्तर पर करने और अधिकारियों को ट्रेनिंग कार्यक्रम के जरिए परिपक्व करने के भी हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं.