ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एसिडिटी दूर करने के लिए अमूमन उपयोग में लाई जाने वाली दवा एसीलॉक की खुलेआम बिक्री पर हैरानी जताई है, साथ ही प्रदेश के फूड एंड ड्रग प्रशासन से जवाब मांगा है कि उन्होंने अब तक इस खतरनाक ड्रग को खुलेआम बेचे जाने पर क्या कार्रवाई की है. इस दवा में कैंसर कारक खतरनाक ड्रग रेनिटिडिन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके लगातार उपयोग से मरीज को कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
एसीलॉक दवा की बिक्री पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने जताई हैरानी, ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर से मांगा जवाब
एसीलॉक की खुलेआम बिक्री पर अधिवक्ता विभोर साहू ने जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एसीलॉक की खुलेआम बिक्री पर हैरानी जताई है. साथ ही ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर से जवाब मांगा है.
ग्वालियर के अधिवक्ता विभोर साहू ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि कई यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित दवा एसीलॉक का भारत में खुलेआम इस्तेमाल किया जा रहा है, बिना डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के मेडिकल स्टोर से ये दवा बेची जा रही है. इसमें खतरनाक ड्रग रेनिटिडिन पाया जाता है, जिसके लगातार इस्तेमाल से कैंसर होने की संभावना रहती है. इसी के चलते अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों में ये दवा प्रतिबंधित है.
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सरकार ने कहा था कि सैंपलिंग कर उसे कलकत्ता की लैब में भेजा गया है, जहां ड्रग की रिपोर्ट आनी है, पांच महीने बीत जाने के बाद भी अब तक रिपोर्ट नहीं आई है. दो दिन पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता खुलेआम बिक रही इस दवा को बाजार से खरीदे और उसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें. इस पर अधिवक्ता ने शहर के 11 मेडिकल स्टोर पर स्टिंग ऑपरेशन कर इस दवा को खरीदा और उसकी रसीद को हासिल किया, जिसे उन्होंने गुरुवार को हाई कोर्ट में पेश किया है.