ग्वालियर। भले ही चुनाव आयोग ने अभी कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव की तारीखों का ऐलान न किया हो. लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग में बीजेपी लगातार चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं. क्योंकि ये वो इलाका है जहां सबसे अधिक 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसके अलावा बीजेपी के सामने एक चुनौती ये भी है कि बड़ी संख्या में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया समर्थकों और बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं में सामंजस कैसे बैठाया जाए. इसके लिए बीजेपी लगातार बैठकें आयोजित कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को ग्वालियर विधानसभा की कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई. जिसमें सभी प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बीजेपी कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थकों के बीच तालमेल बैठाने में जुटे नेता, कोर कमेटी की हुई बैठक - BJP core committee meeting Gwalior
ग्वालियर में शुक्रवार को बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई. जिसमें पूर्व मंत्री जयंत मलैया समेत तमाम सीनियर नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस बैठक का उद्देश्य सिंधिया समर्थकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बैठाना है.
![बीजेपी कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थकों के बीच तालमेल बैठाने में जुटे नेता, कोर कमेटी की हुई बैठक Gwalior Assembly BJP Core Committee meeting](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8157123-thumbnail-3x2-i.jpg)
इन सभी को आगामी चुनाव के लिए जिम्मेदारियां भी सौंपी गईं हैं. इस सीट से प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर प्रत्याशी होंगे. ग्वालियर विधानसभा सीट के प्रभारी व पूर्व मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि भले ही तारीखों का ऐलान नहीं हुआ हो लेकिन बीजेपी अपने स्तर पर सभी तैयारियां करने में जुटी हुई है. जब तारीखों का ऐलान हो जाएगा तो हम लोग चुनाव के लिए पूरी तरीके से तैयार नजर आएंगे. वहीं बीजेपी के मूल कार्यकर्ता और सिंधिया समर्थकों के बीच सामंजस के सवाल पर उन्होंने कहा कि टकराव की कहीं कोई बात नहीं है. सामंजस तो है और ये और बेहतर कैसे हो. इसके लिए हम लोग लगातार प्रयास करने में लगे हुए हैं.
प्रदेश में सिंधिया समर्थित 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिससे कमलनाथ सरकार गिर गई थी. इसके बाद 12 जुलाई को बड़ामलहरा से विधायक रहे प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से विधायक रहीं सुमित्रा देवी ने भी इस्तीफा दे दिया था और अब इसमें नारायण पटेल का नाम भी शामिल हो गया है. इस तरह अब तक कांग्रेस के 25 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा है. दो विधायकों का निधन हो गया था. जिसके बाद अब प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होना है. इनमें 16 सीटें चंबल क्षेत्र से आतीं हैं. लिहाजा उपचुनाव में इस क्षेत्र की बड़ी भूमिका है.