Jail Bharo Movement: प्रशासन का दावा-गिरफ्तारी कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री भेजने पर होगी कार्रवाई
12 अक्टूबर को गुर्जर समाज ने गिरफ्तारियों के विरोध में जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है. वहीं ग्वालियर प्रशासन का दावा है कि उन्हें गुरुवार को होने वाले गिरफ्तारी कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है. आईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री भेजने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ग्वालियर।25 सितंबर को फूल बाग मैदान में आयोजित गुर्जर महाकुंभ के दौरान कलेक्ट्रेट भवन पर हुई हिंसक झड़प और उसके बाद की गई पुलिस कार्रवाई के विरोध में राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति ने गुरुवार यानी 12 अक्टूबर को सामूहिक गिरफ्तारी देने की घोषणा की है. संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने जारी एक प्रेस नोट में बताया है कि ''वह लोग 5 सूत्रीय मांग को लेकर ग्वालियर में सामूहिक रूप से अपनी गिरफ्तारियां देंगे.''
अनुमित का नहीं मिला आवेदन: इधर आईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने लोगों से अपील की है कि ''सोमवार से चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है और सभी को इसके दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए. बिना अनुमति के किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन आंदोलन जुलूस रैली आदि की मनाही है.'' वहीं संभावित गुर्जर आंदोलन के समर्थन में सामूहिक गिरफ्तारी देने संबंधी कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि ''अभी तक किसी भी संगठन द्वारा अनुमति लिए जाने संबंधी आवेदन नहीं मिला है.''
बेकसूर लोगों को उठा ले गई पुलिस: उधर प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में गुर्जर संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र भाटी ने बताया कि ''25 सितंबर को आयोजित गुर्जर महाकुंभ के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने आंदोलन में घुसकर माहौल बिगड़ने की कोशिश की थी. जिसके बाद पुलिस ने सैकड़ों बेकसूर लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं. कुछ लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है और उन पर रासुका जैसी कार्रवाई की गई है और गुर्जर समाज में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है."
दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग: रविंद्र भाटी का कहना है कि ''प्रदर्शन के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएं. पुलिस द्वारा जब्त वाहनों को उनके कागजातों की जांच करके छोड़ जाए. भिंड में बोरेश्वर मंदिर से गुर्जर प्रतिहार शासक का नाम जो पूर्व से अंकित था उसे हटाया गया है उसे पुन स्थापित किया जाए. इसके अलावा फर्जी एनकाउंटर में यूपी पुलिस द्वारा मारे गए आकाश गुर्जर के परिजनों को आर्थिक मदद की जाए.''