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ग्वालियर हादसाः 13 लोगों की मौत, सांत्वना देने पहुंचे मंत्री प्रद्युम्न तोमर

ग्वालियर मुरैना रोड पर गंगा मालनपुर के पास सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. शासन ने लापरवाही करने वाले आरटीओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. मृतकों को सरकार और प्रशासन की ओर से 4 लाख 35 हजार रुपए की सहायता राशी दी जाएगी.

Gwalior accident
ग्वालियर हादसा

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Published : Mar 23, 2021, 12:35 PM IST

ग्वालियर।मुरैना रोड पर गंगा मालनपुर के पास हुए हृदय विदारक सड़क हादसे में मारे गए लोगों को सरकार और जिला प्रशासन ने 4.35 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है. वहीं ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं करने और सड़क सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर ग्वालियर के आरटीओ एसपीएस चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है.

13 लोगों की मौत, सांत्वना देने पहुंचे मंंत्री प्रद्युम्न तोमर
  • सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत

दरअसल आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के लिए खाना बनाने का काम करने वाली महिलाएं सोमवार शाम को बानमोर की तरफ गई थी. यह सभी महिलाएं पिंटो पार्क और जडेरुआ इलाके की रहने वाली थी. महिलाएं दो ऑटो में सवार होकर वापस ग्वालियर लौट रही थी. रास्ते में एक ऑटो खराब हो गया. जिसके कारण सभी महिलाएं एक ऑटो में सवार हो गई. इनमें ऑटो ड्राइवर धर्मेंद्र इन सभी को लेकर उपनगर मुरार के पिंटो पार्क इलाके में आ रहा था.

गंगा मालनपुर के पास विपरीत दिशा से आ रही तेज रफ्तार बस ने इतनी तेजी से टक्कर मारी के ऑटो के परखच्चे उड़ गए. देखते ही देखते वहां चीख-पुकार शुरू हो गई. 9 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि एक और गंभीर रूप से घायल ने बाद में दम तोड़ दिया. 3 घायल अस्पताल पहुंचते ही काल के गाल में समा गए. हादसे में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है जिसमें एक ऑटो ड्राइवर भी है.

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  • मृतक के परिवारों को 10 लाख और नौकरी की मांग

घटना की जानकारी मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा. सभी को किसी तरह मौके से उठाकर अस्पताल के डेड हाउस पहुंचाया गया. जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है. इस मामले में कलेक्टर एसपी स्थानीय मंत्री प्रद्युम्न तोमर और कांग्रेस, बीजेपी के नेता अस्पताल पहुंच गए और पीड़ित परिवारों को ढाढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पीड़ित परिवारों का कहना है कि सरकार ने जो सहायता राशि स्वीकृत की है. वह बेहद कम है उनकी मांग है कि प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए. आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए.

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