ग्वालियर।अंचल के सबसे बड़े 1000 बिस्तर के अस्पताल का निर्माण तो पूरा हो गया, लेकिन अस्पताल के नामकरण को लेकर विवाद नहीं थम रहा. इस विवाद को लेकर सिंधिया गुट, कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है. बीजेपी के नेता इस अस्पताल का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से रखना चाहते हैं, तो वहीं कांग्रेस के नेता इस अस्पताल का नाम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम रखने की राग अलाप रहे हैं. साल 2019 में अस्पताल का भूमिपूजन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. सिंधिया गुट इसका नाम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर आगे बढ़ाना चाहता है.
सिंधिया ने किया था भूमि-पूजन: 2019 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के साथ अस्पताल का भूमिपूजन किया था. उस दौरान बीजेपी सड़क पर हंगामा कर रही थी. उस समय सिंधिया समर्थक विधायकों ओर मंत्रियों ने इस अस्पताल का नाम माधवराव सिंधिया के नाम से रखने की मांग आगे बढ़ाई थी. उसके बाद कहानी बदल गई ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और अस्पताल के नामकरण का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया. अब जब यह एक हजार बिस्तर का अस्पताल बन कर तैयार हो गया तो इसका नामकरण का मुद्दा एक बार फिर सामने आ गया है. नामकरण को लेकर एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है.
अंबेडकर के नाम पर अड़ी कांग्रेस:अस्पताल के साथ ही कैंपस में 300 कमरों की धर्मशाला भी बनेगी. जिसमें रियायती दरों पर मरीजों के अटेंडरों को कमरे दिए जाएंगे. सस्ती दरों पर भोजन व्यवस्था भी शुरू होगी. सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि, एक हजार बिस्तर के अस्पताल का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होना चाहिए. जिसका समर्थन बीजेपी भी कर रही है. तो वहीं अब कांग्रेस बाबा भीमराव अंबेडकर के नाम से अस्पताल का नाम रखने पर अड़ी है.