ग्वालियर।हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा कोरोना संक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका में पांच दिन पहले दिए गए आदेश के बावजूद राजनीतिक रैलियां आमसभा करने का दौर जारी है. खास बात यह है कि इन रैली और सभाओं में दोनों ही दल के वरिष्ठ नेता बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. इस पर अब याचिकाकर्ता अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह द्वारा अवमानना की कार्रवाई किए जाने की तैयारी है.
अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दायर
दरअसल आशीष प्रताप सिंह ने कोरोना को देखते हुए इस मौसम में राजनीति रैलियां करने और लोगों को जुटाने में महामारी के फैलने का अंदेशा जताते हुए एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. जिसमें 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सिर्फ वर्चुअल कैम्पेनिंग ही की जाए. फिजिकल रैली और सभा की कोर्ट ने मनाई की हुई है. बावजूद इसके राजनीतिक रैलियों और आम सभा हो रही हैं. इसमें दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेता जैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं.
बड़े नेताओं के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
याचिकाकर्ता आशीष प्रताप सिंह के अधिवक्ता सुरेश कुमार अग्रवाल का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद कोई भी सभा या रैली नहीं की जा सकती है. यह सभा उसी स्थिति में की जा सकती है, जब वर्चुअल कैंपेनिंग नहीं किए जाने की संभावना हो. उसका कारण बताते हुए जिला प्रशासन और संबंधित दल को आवेदन करना होगा और कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग की अनुमति के बाद ही अनुमति दे सकते हैं. अवमानना याचिका के बाद बड़े नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.