ग्वालियर। पिछले करीब एक महीने से चल रहे लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी उन दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है, जो रोजना कमाकर परिवार की जरूरतों को पूरा करते है. मेहनत मजदूरी करके अपने घर का चूल्हा जला पाते हैं. सरकार द्वारा शुरू की गई 9 किलो आटे की योजना से कुछ परिवार लाभान्वित हुए हैं, तो कुछ को अभी तक राशन की दुकान से आटा नहीं मिला है. ऐसे में स्थानीय लोगों के अलावा जनप्रतिनिधि भी परेशान लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं. पूर्व पार्षद धर्मेंद्र सिंह तोमर ने घर-घर जाकर लोगों को राशन के साथ सैनिटाइजर और मास्क बांटा.
ग्वालियर: लॉकडाउन में पूर्व पार्षद ने गरीबों को बांटे डेली नीड्स के पैकेट - Poor Troubled Content of Daily Needs
लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी उन दिहाड़ी मजदूरों को है, जो रोजाना किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपने घर का चूल्हा जला पाते हैं. सरकार द्वारा शुरू की गई 9 किलो आटे की योजना से कुछ परिवार लाभान्वित हुए हैं, तो कुछ को अभी तक राशन की दुकान से आटा नहीं मिला है. एसे में ग्वालियर के पूर्व पार्षद धर्मेंद्र सिंह तोमर ने घर-घर जाकर लोगों को राशन के साथ सैनिटाइजर और मास्क बांटे.
दरअसल, उपनगर ग्वालियर में ज्यादातर मेहनतकश मजदूर रहते हैं. उन्हें पिछले 1 महीने से काम नहीं मिला है. ऐसे में पूर्व पार्षद धर्मेंद्र सिंह तोमर उन्हें न सिर्फ आटा,दाल, चावल, चाय पत्ती और साबुन उपलब्ध कराया, बल्की सैनिटाइजर और मास्क भी देकर कोरोना के प्रति जागरूक किया. इसके लिए उन्होंने खुद और अपने समर्थकों से राशि जुटाई है. तोमर अब तक करीब 6 हजार लोगों तक रोजाना जरूरत का सामान पहुंचा चुके हैं.
पूर्व पार्षद का मानना है कि, कोरोना वायरस संक्रमण काल में मजदूर सबसे ज्यादा परेशान हैं. मध्यम वर्ग के लोग तालाबंदी से रोटी रोजी के संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में वे अपने समर्थकों के साथ लोगों की थोड़ी बहुत मदद कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि, वार्ड 13 के कोटा वाला मोहल्ला खिड़की मोहल्ला सहित आसपास के वार्ड में राशन उपलब्ध कराने का काम जारी है. यह कार्य लॉकडाउन खुलने तक जारी रहेगा.