ग्वालियर। कलेक्ट्रेट के पीछे सिरोल पहाड़ी पर रहने वाले 109 परिवारों को 3 महीने पहले हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत हटा दिया था और उन्हें राजीव गांधी आश्रय भवन में अस्थाई रूप से रहने के निर्देश दिए थे, लेकिन इन परिवारों की स्थिति वर्तमान में बेहद खराब है.
विस्थापित मजदूरों के सामने खाने का संकट, कलेक्ट्रेट पहुंचे मजदूर
ग्वालियर में सिरोल पहाड़ी पर रहने वाले 109 परिवारों को 3 महीने पहले हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत हटा दिया था.
सिरोल पहाड़ी पर रहने वाले इन लोगों को राजीव गांधी आश्रय भवन में रखा गया है, लेकिन उनके खाने-पीने का प्रबंध उचित नहीं होने से उनके सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. यहां रहने वाले परिवार और महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची और अपनी समस्या को अफसरों के सामने रखने की मांग करने लगी, लेकिन उन्हें अधिकारियों ने समय नहीं दिया.
सिरोल पहाड़ी से जिन लोगों को हटाया गया था, वे सभी गरीब और मजदूर तबके से हैं. इन लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें मजदूरी पहले से ही नहीं मिल रही है. वहीं खाने के पैकेट भी सभी को नहीं मिल रहा, जिससे उनके सामने खाने का संकट पैदा हो गया है.