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रोजाना पांच से ज्यादा नवजातों की होती है मौत, साल में 2000 बच्चे नहीं मना पाते पहला जन्मदिन

ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े महिला अस्पताल कमलाराजा के एसएनसीयू वार्ड में हर साल 1900 से लेकर 2000 नवजात बच्चे अपना दम तोड़ देते हैं. यानी जिले में रोज 5 से 6 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है.

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जिला अस्पताल

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Published : Dec 4, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 5:57 PM IST

ग्वालियर।जिले में हर साल ऐसे नवजात शिशु होते हैं, जो अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते है. मतलब अंचल के सबसे बड़े महिला अस्पताल कमलाराजा के एसएनसीयू वार्ड में हर साल 1900 से लेकर 2000 नवजात बच्चे अपना दम तोड़ देते हैं. यानी जिले में रोज 5 से 6 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है. इस डरावने आंकड़ों को लेकर बच्चों के मौत का सबसे बड़ा कारण अलग-अलग है. जो जन्म लेने के बाद उन बच्चों के लिए मौत का कारण बनते हैं.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी

बता दें ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा महिला अस्पताल कमलाराजा है. उसके बाद ग्वालियर जिला अस्पताल में प्रसूता विभाग अलग से है. जिले में दो जगह प्रसूता महिलाओं को भर्ती कराया जाता है. तो यहीं पर बच्चे जन्म लेते हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े पर नजर डालें तो यह आंकड़े बहुत ही डरावने हैं. स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में हर साल 1900 से ज्यादा नवजात शिशु अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह जन्म लेने वाले बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, खून की कमी, निमोनिया या फिर हाइपोथर्मिया के कारण बच्चे जन्म के बाद दम तोड़ देते हैं.

कमलाराज अस्पताल

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ग्वालियर जिले में रोज 4 से 5 नवजात शिशुओं की हो रही है मौत

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार ग्वालियर जिले में हर साल 1900 से 2000 तक नवजात की मौत होती है. मतलब रोज 4 से 5 नवजात शिशु मौत के मुंह में समा रहे हैं. यह उन नवजातों का आंकड़ा है जिनकी उम्र 1 साल से कम होती है. जन्म के बाद ही कुछ दिन बाद ही इनकी मौत हो जाती है. ऐसे बच्चे अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते हैं.

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इन कारणों से होती है नवजात शिशु की मौत

अगर इन नवजात बच्चों की मौत का कारण का पता लगाएं तो पता चलता है कि जन्म के बाद ऐसे बच्चे या तो शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं या फिर खून की कमी होती है. शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण बच्चे दूध नहीं पी पाते हैं. इस वजह से उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है और यही मौत का कारण बन जाते हैं. दूसरा मौत का कारण यह भी है कि जन्म के बाद शिशु निमोनिया का शिकार हो जाते हैं. जिस वजह से ज्यादातर नवजात की मौत इसी के कारण होती है. वहीं कुछ तो ऐसे होते हैं जो जन्म के दौरान बच्चे गर्भावस्था के दौरान नाल उसके सिर में फंस जाती है. इस दौरान दम घुट कर मौत के कई मामले भी सामने आते हैं. वही जन्म के दौरान लूज मोशन और हाइपर्थर्मिया भी मौत का सबसे बड़ा कारण है.

जिले में हर साल 42 हजार बच्चे लेते हैं जन्म

ग्वालियर जिले में हर साल 42000 से ज्यादा बच्चे जन्म लेते हैं. मतलब हर महीने लगभग 3500 हजार बच्चे पैदा होते हैं.

Last Updated : Dec 4, 2020, 5:57 PM IST

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