ग्वालियर। पाकिस्तान के साथ पिछले दिनों से चले आ रहे तनाव के बीच भारत की हवाई ताकत में और हिजाफा हुआ है. भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी 'बिल्डिंग प्लास्टर स्पाइस -2000' बम मिलने से हुई है. बता दें कि यह बम पाकिस्तान के बालाकोट में तबाही मचाने वाले बमों का उन्नत संस्करण है.
ग्वालियर एयरबेस पर आई इजरायल के 'स्पाइस 2000' बमों की पहली खेप भारतीय वायुसेना ने जून में ही आपात खरीद प्रक्रिया के तहत इजरायल से 250 करोड़ में 'मार्क 84 वॉरहेड' और बमों का सौदा किया था. जिसके तहत 100 से अधिक स्पाइस-2000 खरीदने हैं, जिसकी पहली खेप ग्वालियर स्थित वायुसेना के अड्डे पर पहुंच चुकी है. बता दें कि ग्वालियर मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है.
आपात खरीद की व्यवस्था मोदी सरकार ने ही शुरू की है. इसके तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के अनुसार हथियार और गोला बारूद लंबी प्रक्रिया में जाए बिना कुछ ही महीने में खरीद सकती हैं. बताया जा रहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल हुआ था, वे इन्हीं के पेनिट्रेटेड वर्जन के थे.
ये बम इमारत की छत पर छेद करते हुए अंदर जाता है. इससे बिल्डिंग नहीं गिरती है, लेकिन अंदर मौजूद लोगों को मार गिराता है. बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायु सेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की थी. यह बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमों से ज्यादा शक्तिशाली है और बड़ी इमारतों को पूरी तरीके से नष्ट करने में सक्षम है.