ग्वालियर।अधिवक्ता मनोज उपाध्याय की तीन साल की बेटी गार्गी को 25 जनवरी 2013 को मेहरा बाल चिकित्सालय अनुपम नगर में डॉ.डीडी शर्मा द्वारा रेफर किया गया था. गार्गी को निमोनिया की शिकायत थी. मेहरा अस्पताल में डॉ. आरके मेहरा एवं डॉ.अंशुल मेहरा बच्चों के डॉक्टर के रूप काम करते थे. अंशुल मेहरा खुद को एमडी पीडियाट्रिशियन यूएसए की एमडी डिग्री बताते थे. अधिवक्ता मनोज उपाध्याय का कहना है कि गार्गी को निमोनिया होने के बावजूद मेहरा अस्पताल में एक घंटे के भीतर 500ml नॉरमल सलाइन की बोतल चढ़ा दी.
अस्पताल में होम्योपैथिक डॉक्टर :इसके बाद स्वास्थ्य बिगड़ने पर बच्ची को आईवी फ्लूड दिया जाता रहा. जिससे गार्गी के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा. अंशुल मेहरा ने भर्ती के 3 घंटे बाद ही वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए मैस्कॉट हॉस्पिटल बच्ची को रेफर कर दिया. मैस्कॉट हॉस्पिटल सिंधी कॉलोनी कंपू के मालिक अशोक अग्रवाल थे. अस्पताल अधीक्षक के रूप में डॉ. सीमा शिवहरे एवं बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. मनोज बंसल कार्य करते थे. मैस्कॉट हॉस्पिटल में गार्गी को पीआईसीयू में भर्ती कराया गया. इस अस्पताल में शैलेंद्र साहू और अवधेश दिवाकर को ड्यूटी डॉक्टर के रूप में तैनात किया गया था, जबकि ये होम्योपैथिक के डॉक्टर से और पढ़ाई कर रहे थे.