ग्वालियर।प्रदेश में कोरोना के बाद अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. कई जिलों से पक्षियों मरने की खबरें आ रही हैं. 18 जिलों में तो बर्ड फ्लू की पुष्टि भी हो चुकी है. इस वायरस की चपेट में मुर्गा-मुर्गी भी आ गए हैं. जिसके चलते लोग अब चिकन से तौबा कर रहे हैं. ग्वालियर भी इससे अछूता नहीं रहा है. लोग अब चिकन की जगह पनीर व मशरूम खा रहे हैं. जिससे इनकी डिमांड लगातार बढ़ रही है.
पनीर की डिमांड बढ़ी
क्षेत्र में पनीर की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए सांची दुग्ध संघ ने ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है. सांची दुग्ध संघ को उम्मीद है के इस समय पनीर की जो खपत हो रही है, उसे दोगुनी खपत आगे आने वाले दिनों में देखने को मिल सकती है.
सांची दुग्ध संघ ने बढ़ाया उत्पादन
सांची दुग्ध संघ के सीईओ एसएस अली का कहना है कि सांची की ओर से रोज लगभग 50 से 70 किलो पनीर निकाली जाती है. लेकिन 4 दिन में रोज 100 किलो से ऊपर पनीर सप्लाई हो रही है. आगे आने वाले दिनों में उम्मीद है पनीर की डिमांड और बढ़ेगी.
रेस्टोरेंट्स में 50 फीसदी घटी चिकन की खपत
बर्ड फ्लू के डर से शहर के होटल और रेस्टोरेंट में चिकन की मांग 50 फीसदी तक घट चुकी है. चिकन मार्केट पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. लोग प्रोटीन की पूर्ति के लिए पनीर व मशरूम को वैकल्पिक फूड के रूप में प्रयोग कर रहे हैं.
क्या है लोगों का मानना ?
लोगों का कहना है कि हाल ही में इंदौर और नीमच से लिए गए चिकन सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. जिसके चलते उन्हें डर है कि वे भी संक्रमण की जद में ना आ जाएं. लिहाजा चिकन से दूरी बना रहे हैं.
चिकन खाने से बर्ड फ्लू का कितना खतरा ?
चिकन में बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि के बाद लोगों के जहन में चिकन खाने को लेकर कई सवाल हैं. उन्हें डर है कि वे भी संक्रमण की जद में ना जाएं. इस पर विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चिकन को अच्छी तरह पकाकर खाया जाता है तो, संक्रमण नहीं फैलता. तो चिकन खाना तो सेफ है, लेकिन इस दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है.
बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक H5N1 स्ट्रेन है. यह स्ट्रेन पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी प्रभावित करता है. लेकिन राहत वाली बात ये है कि अभी तक प्रदेश और देश में जितने भी पक्षियों की सैंपलिंग हो रही है, उनमें एवियन इन्फ्लूएंजा( बर्ड फ्लू) का H5N8 स्ट्रेन पाया जा रहा है. जो H5N1 से कम खतरनाक है. फिर भी विशेषज्ञों की राय है कि लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है.
कौन सी सावधानियां रखना जरूरी ?
चिकन में संक्रमण की पुष्टि के बाद इससे सबसे ज्यादा खतरा चिकन विक्रेताओं व वर्कर्स को है. इसलिए चिकन शॉप पर जाते वक्त ग्लब्स और मास्क लगाकर जाएं. दुकान की किसी भी वस्तु को छून से बचें. हाथ सैनिटाइज करें. चिकन खरीदने के बाद अच्छी तरह से धो लें और अच्छी तरह से पकाकर खाएं. कच्चे या हॉफ बॉइल चिकन खाने से बचें. चिकन विक्रेता भी खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें.
क्या है बर्ड फ्लू
मेडिकली टर्म में इस वायरस को एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो पक्षी से दूसरे पक्षियों या जानवरों तक फैल सकती है. इसकी वजह से हर साल दुनियाभर में कई पक्षियों की मौत हो जाती है.
अंडा-चिकन का 27 सौ करोड़ का कारोबार
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में अंडा और चिकन का 27 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार है. प्रदेश में चिकन की हर दिन साढ़े तीन सौ क्विंटल और 80 लाख अंडों की खपत है. इसमें से चिकन की 60 फीसदी आपूर्ति एमपी से और 40 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से होती है. 45 फीसदी अंडा एमपी और 55 फीसदी बाहर से आते हैं. लेकिन बर्ड फ्लू फैलने के कारण अब अंडे और चिकन का कारोबार ठप्प है. धीरे-धीरे चिकन मार्केट बंद किए जा रहे हैं.
प्रदेश के 18 जिले संक्रमण की चपेट में
मध्य प्रदेश के 18 जिलों के कौवों और जंगली पक्षियों के नमूनों में बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया है. प्रदेश में 26 दिसंबर से अब तक करीब 1500 कौवों और दूसरे पक्षियों की मौत हो चुकी है.इसके अलावा, प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, नीमच व आगर मालवा में चिकन की दुकानों में रखे गए करीब 600 मुर्गे-मुर्गियों को मारकर (कलिंग) दफनाया गया है.मध्य प्रदेश में अब तक 18 जिलों में बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हो गई है.
18 जिलों के नाम
इंदौर, मंदसौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खण्डवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, अशोक नगर, दतिया और बड़वानी.