ग्वालियर।अधिवक्ता उमेश बोहरे के निधन से हर कोई दुखी है. उन्होंने आर्थिक भ्रष्टाचार, जमीन घोटाले और नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितताओं जैसे मामलों में जनहित याचिकाएं दायर की थीं. इनमें उनकी सबसे चर्चित जनहित याचिका नर्सिंग कॉलेजों द्वारा बरती जा रही अनियमितताएं और अवैध कालोनियों को वैध करने को सरकार के फैसले को चुनौती देना है. इसमें सरकार को अपना नोटिफिकेशन वापस लेना पड़ा था. वहीं सीबीआई को नर्सिंग कॉलेजों में व्याप्त अनियमितताओं की जांच के आदेश भी अधिवक्ता उमेश बोहरे की याचिका पर दिए गए थे.
अचानक सीने में दर्द उठा :जिस समय व्यापमं घोटाला हुआ था और सैकड़ों की संख्या में आरोपी थे. किसी को भी जमानत का लाभ नहीं मिल रहा था. ऐसे में अधिवक्ता उमेश बोहरे ही थे, जिनके मुवक्किल को पहली जमानत मिली थी. पता चला है कि वह बुधवार को हाई कोर्ट भी गए थे, जहां उन्होंने कई मामलों में पैरवी भी की थी. बुधवार को ही एक अधिवक्ता से उन्होंने किसी केस के सिलसिले में दोपहर में बात भी की थी. इसके बाद उन्हें घर जाने के बाद सीने में दर्द की शिकायत हुई. परिवार के लोग उन्हें लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचे थे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की. लेकिन वह कामयाब नहीं हुए.