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ग्वालियर में मिला फर्जी ayushman card! निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मामले का खुलासा - mp mein ayushman card kaise banega

ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज मनीष माथोरिया के परिवार ने आयुष्मान कार्ड (ayushman card) होने के बावजूद इलाज न मिलने की शिकायत की थी. शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि मरीज के पास आयुष्मान कार्ड तो है पर सरकार द्वारा जारी रिकॉर्ड में कहीं भी उसका नाम नहीं है. जिसके बाद प्रशासन मे इस कार्ड को नकली बताया गया है.

ayushman card
ग्वालियर में मिला फर्जी

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Published : May 22, 2021, 3:47 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में 'मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना' के तहत आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड (ayushman card) से निशुल्क कोरोना इलाज करने के निर्देश जारी किए गए थे. जिसके बाद अब ग्वालियर में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर इलाज कराने का मामला सामने आया है. यह खुलासा तब हुआ जब एक कोरोना संक्रमित मरीज ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद योजना का लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड अस्पताल के सामने पेश किया, लेकिन उस कार्ड को अस्पताल ने फर्जी करार दे दिया.

ग्वालियर में मिला फर्जी आयुष्मान कार्ड
  • ऐसे आया मामला सामने

मामले में ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज मनीष माथोरिया के परिवार ने आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद इलाज न मिलने की शिकायत की थी. शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि मरीज के पास आयुष्मान कार्ड तो है पर सरकार द्वारा जारी रिकॉर्ड में कहीं भी उसका नाम नहीं है. जिसके बाद प्रशासन मे इस कार्ड को नकली बताया गया है. इस मामले के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या लाभार्थियों के साथ आयुष्मान कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी हुई है, क्या डाटा एंटी में कोई गड़बड़ी हुई है?, जिससे कारण यह परेशानी सामने आ रही है. फिलहाल प्रशासन मामले की जांच कर रहा है.

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  • क्या बोले जिले के अधिकारी

ग्वालियर में फर्जी आयुष्मान कार्ड का यह मामला सामने आने के बाद अपर कलेक्टर आशीष तिवारी का कहना है कि मामला गंभीर है इसकी जांच की जाएगी. जिले में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे दो मामले आए थे. जिनमें आयुष्मान कार्ड का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा था.

  • आयुष्मान कार्ड धारकों को लेकर सरकार के निर्देश

गौरतलब है कि 'मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना' के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों का निजी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज किए जाने की व्यवस्था शुरु की गई है. शासन ने इसे लेकर कई दिशानिर्देश भी जारी किए थे, जिसके तहत कोविड उपचार के लिए भर्ती होने के बाद 3 दिनों के भीतर मरीज के परिजनों को मरीज का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में जमा करना अनिवार्य था.

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