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बीजेपी में सामने आई गुटबाजी, ग्वालियर पहुंचे सिंधिया से मिलने नहीं पहुंचा कोई बड़ा नेता - ग्वालियर न्यूज

बीजेपी नेता भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद से किसी भी प्रकार की गुटबाजी से इंकार कर रहे हों, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से पार्टी में यह गुटबाजी समय-समय पर दिखाई दे रही है. अभी हाल में ही राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे लेकिन उनके स्वागत और उनसे मिलने के लिए कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा.

Factionalism in BJP
बीजेपी में गुटबाजी का दंश

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Published : Sep 5, 2020, 10:32 PM IST

ग्वालियर। भले ही बीजेपी के बड़े दिग्गज नेता लाख दावे कर रहे हों कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद कोई गुटबाजी नहीं है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से पार्टी में यह गुटबाजी समय-समय पर दिखाई दे रही है. अभी हाल में ही राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर रहे. इस दौरान दौरे से पहले एक दिन उन्होंने रानी महल में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की लेकिन इस दौरान बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा और न ही बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की. केवल उनके पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए लोग ही उनके स्वागत और मिलने के लिए पहुंचे. इसके साथ ही उनके समर्थक मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर और इमरती देवी भी मौजूद रहीं.

बीजेपी में सामने आई गुटबाजी

जबकि इस सवाल पर मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर कह चुके है कि वह इस प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हैं. उन्होंने एक सवाल के जबाव में कहा कि क्या वह बीजेपी के स्थापित कार्यकर्ता नहीं हैं. ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर कह चुके हैं कि जो लोग यह सवाल कर रहे हैं तो वह ही बता दीजिए कि स्थापित नेता की क्या परिभाषा होती है. ऊर्जा मंत्री ने कहा भारतीय जनता पार्टी एक परिवार है और वह इस परिवार के सदस्य हैं.

इस गुटबाजी को लेकर कांग्रेस ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि सिंधिया जी दावा करते हैं कि 76000 से अधिक कार्यकर्ता उनके साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं लेकिन उनके स्वागत के लिए महज 700 लोग भी नहीं पहुंचे. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि राज्यसभा सांसद जब ग्वालियर आए तो उनके मुट्ठी भर समर्थक जो कांग्रेस में थे ये वही लोग हैं जो सर्कस चलाते थे. भाजपा का कोई भी लीडर वहां मौजदू नहीं था.

कांग्रेस ने कहा है कि सिंधिया जी दावा करते हैं कि 76000 से अधिक कार्यकर्ता उनके साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं लेकिन उनके स्वागत के लिए महज 700 लोग भी नहीं पहुंचे. कांग्रेस ने कहा कि इससे साफ है कि जो कार्यकर्ता बीजेपी में गए वो भी परेशान हैं. इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी समझ में आ गया होगा कि उनकी बीजेपी में क्या स्थिति है. साफ जाहिर होता है कि अभी भी बीजेपी पार्टी में गुटबाजी हावी है और बीजेपी के स्थापित नेता सिंधिया को अपना नेता नहीं मान रहे हैं.

बता दें इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं के बीच अंदर ही अंदर वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है, क्योंकि इस अंचल में पहले से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सबसे बड़े नेता के रूप में माने जाते हैं और उसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी इसी अंचल से आते हैं. इसके साथ ही तमाम ऐसे बीजेपी के बड़े दिग्गज नेता यहां पर मौजूद हैं जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में आना अंदर ही अंदर खटक रहा है. यही वजह है तो जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल के दौरे पर रहते हैं तो इन बड़े नेताओं में से कोई भी नेता उनसे मिलने के लिए नहीं पहुंचता है न हीं उनके जो समर्थक कार्यकर्ता है वह भी उनसे मिलने के लिए नहीं पहुंचते हैं यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पहले से जो समर्थक कार्यकर्ता हैं वही उनके साथ रहते हैं.

कांग्रेस के आरोपों में कितनी सच्चाई

कांग्रेस के आरोपों में सच्चाई इसलिए नजर आ रही है कि जिस तरीके से बीजेपी के अन्य बड़े नेता जब दौरे पर पहुंचते हैं तो ग्वालियर के तमाम बड़े नेता उनसे मिलने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन जिस तरीके से कल ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे तो पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के अलावा कोई भी बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा और नहीं जो बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता हैं वह भी महल में दिखाई नहीं दिए. शायद यही कारण है कि आज संभागीय संगठन महामंत्री आशुतोष तिवारी के साथ उन्होंने बंद कमरे में मुलाकात की. निश्चित तौर पर सिंधिया के साथ आए नेता, समर्थक और बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बैठाने को लेकर चर्चा जरूर हुई होगी.

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