ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संचालित करने वाली कमेटी ने अब परीक्षा आयोजित करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. कमेटी ने कुलपति को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने खुद को इस प्रभार से मुक्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के असहयोग और लंबित भुगतान का लंबे अरसे से नहीं मिलना, उन्हें परीक्षा जैसा महत्वपूर्ण काम संपादित करने में असहज महसूस करा रहा है. इसलिए वह इस दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं और यह जिम्मेदारी नई संचालन समिति को सौंपी जाए.
2000 छात्रों की परीक्षा आयोजित कराने में 100 कर्मचारियों पड़ती है ज़रूरत
दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में 2015 से सभी महाविद्यालयों की परीक्षा जीवाजी के परीक्षा भवन में आयोजित की जाती है. यहां एक बार में 2000 छात्रों के बैठकर परीक्षा देने की व्यवस्था है. इसमें लगभग 100 कर्मचारी लगाए जाते हैं. इसमें वरिष्ठ केंद्र अध्यक्ष और पर्यवेक्षक भी शामिल हैं, लेकिन इसके सफल संचालन के लिए ना तो मेन पावर है और ना ही तो स्टॉफ इस काम में लगा हुआ है. समय से भुगतान नहीं मिल पा रहा है, इस कारण जब तब असंतोष के स्वर उभरते रहते हैं. खास बात यह है कि परीक्षा भवन के केंद्र अध्यक्ष को अभी तक संविदा और गेस्ट फैकल्टी के लोगों की सूची भी नहीं सौंपी गई है, जिससे वह परीक्षा कार्य संपादित कराने से पहले उनकी ड्यूटी को निर्धारित कर सकें. कुछ एक चतुर्थ और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे यह परीक्षा पिछले डेढ़ साल से आयोजित हो रही है.