ग्वालियर।इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. चीन से शुरू हुआ ये वायरस अब पूरी दुनिया में फैल चुका है. भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था और 130 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए ये एक झटके जैसा है. जहां धीरे-धीरे कोरोना वायरस अपने जड़े जमा रहा. माया नगरी के नाम से मशहूर मुंबई शहर में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए है. वहीं भारत के लगभग सभी शहरों में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. कहते हैं अंधेरे में दीये की एक रोशनी ही काफी होती है और वो रोशनी बनकर उभर रही है ग्वालियर चंबल अंचल की बेटी डॉ हिमांशा. यूके के लंदन में कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में लगी है और इसी खोज का हिस्सा है. हिमांशा को 2017 में सीएसएआर अवार्ड से भी सम्मानित किया चुका है. वैक्सीन को लेकर ईटीवी भारत ने हिमांशा से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
सवाल-डॉ. हिमांशा आप इस समय लंदन में हैं कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनिया के सभी साइंटिस्टों के साथ इसकी वैक्सीन बनाने में जुटी है इस समय आप कहां हैं और किस टीम का हिसा है?
हिमांशा- हां जी, इस समय केम्ब्रिज और इम्पीरियर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम रिसर्च करने में जुटी हुई है.मैं इस टीम का हिस्सा हूं. इस समय हमारे यहां जो रिसर्च चल रही है वो RNA मटेरियल से वैक्सीन बनाने की है. पूरे विश्व में 35 कंपनी, 700 से ज्यादा इंस्टिट्यूट इस वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं.
सवाल-डॉ. हिमांशा कोरोना वायरस है क्या, आप इसके बारे में विस्तार से बताएं तो बेहतर होगा
हिमांशा - ये बॉल के आकार का वायरस है, जिसके ऊपर कांटे लगे हुए हैं, कोरोना मतलब ‘‘क्राउन‘‘ जिसका हिंदी में मतलब होता है मुकुट. जिसके ऊपर कांटे लगे होते हैं, उसके अंदर एस आकार के आरएनए मटेरियल मौजूद है. ये वायरस कांटों के माध्यम से शरीर के अंदर चिपक जाता है.सबसे पहले शरीर के लंग्स को प्रभवित करता है. ये कोरोना फैमिली का वायरस हैं. ज्यादातर ये वायरस जानवरों में पाया गया है लेकिन पहले भी 7 तरह के वायरस जानवरों से इंसानो में भी पाए गए हैं. ये वायरस लंग्स की सेल्स से चिपक कर उसके बाद तेजी से फैलता है. इसकी तीन स्टेज होती है पहले ये लंग्स में जाता है, जिसके बाद उन सैल्स का उपयोग करके दोगूनी संख्या में ये वायरस लोअर लंग्स में पहुंचता है. दूसरी स्टेज में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की कोषिकाओं से लड़ता है.अगर किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. तो वायरस उसकी जान भी ले सकता है. खासकर बुजुर्ग और जिन्हें कोई बीमारी है जैसे दमा,अस्थमा और डायबटीज वाले मरीजों पर ये वायरस हावी हो जाता है.
सवाल- क्या यह वायरस सार्स और H1N1 का रूप है?
हिमांशा -कोरोना फैमिली में ज्यादातर जानवरों के वायरस होती है. इस स्थिती में 7 वायरस इंसानों में भी आ चुके हैं. ये सार्स वायरस से मिलता जुलता है. इसका 80 से 90 प्रतिशत ब्लू प्रिंट सार्स वायरस से मिलता है इसलिए इसको सार्स कोविड 2 भी कहा जाता है. लेकिन ये सार्स से ज्यादा खतरनाक है.