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'भैया जी का अड्डा' : ग्वालियर पूर्व विधानसभा से दल बदल कर उतरे प्रत्याशी, जानें क्या है मतदाताओं की राय ? - gwalior news

मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की हैं. माना जा रहा है कि यही सीटें तय करेंगी कि मध्यप्रदेश में किसकी सत्ता रहेगी. ईटीवी भारत के खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' के जरिए जानें ग्वालियर पूर्व विधानसभा के मतदाताओं के मन की बात

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Published : Oct 11, 2020, 3:14 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 6:14 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही, चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. 28 सीटों में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की हैं. यही सीटें तय करेंगी, कि मध्यप्रदेश में किसकी सत्ता रहेगी. इसी कड़ी में ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. आज ईटीवी भारत ग्वालियर पूर्व विधानसभा में पहुंचा, जहां मतदाताओं ने चुनावी मुद्दों के बारे में चार्चा की.

मतदाताओं की राय

दल बदल कर चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी

ग्वालियर पूर्व विधानसभा में 2018 के विधानसभा में जो उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. वही उपचुनाव में फिर से आमने सामने हैं, लेकिन अबकी बार इन दोनों उम्मीदवारों ने दल बदल दिया है. कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मुन्नालाल गोयल बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार हैं, तो वहीं बीजेपी छोड़कर सतीश सिकरवार कांग्रेस की तरफ से मैदान में हैं, लेकिन इसमें ग्वालियर पूर्व की जनता, बीजेपी उम्मीदवार मुन्नालाल गोयल से काफी खफा नजर आ रही है, मतदाताओं का कहना है कि मुन्नालाल गोयल ने जनता के वोट बेचा है और अपने फायदे के लिए उन्होंने पैसे लेकर कमलनाथ सरकार को गिराया है, तो अब ऐसे में उन पर कैसे विश्वास किया जाए, कि यह जनता के साथ खड़े हैं.

मुन्नालाल गोयल से नाराज है मतदाता

मतदाताओं का कहना है कि मुन्नालाल गोयल ने 15 महीने की कमलनाथ सरकार में रहते हुए विधानसभा में कुछ भी काम नहीं कराया. वह सिर्फ अपनी व्यवस्था में लगे रहे और अपनी जेब भरते रहे. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कि जमीन खिसकी तो उनके साथ मिलकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. वोटरों का कहना है कि मुन्नालाल गोयल को 2018 के चुनाव में भरपूर समर्थन दिया था. इसका कारण था कि वो लगातार तीन बार से हार रहे थे. इस वजह से लोगों ने विश्वास किया और मुन्नालाल गोयल को चुना, लेकिन मुन्नालाल गोयल ग्वालियर पूर्व विधानसभा की जनता के सबसे बड़े धोखेबाज नेता के रूप में सामने आए हैं. वहीं वोटरों का कांग्रेस उम्मीदवार सतीश सिकरवार के बारे कहना है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के अंतराल में सतीश सिंह सिकरवार ने घर-घर जाकर, लोगों की मदद की है. इस वजह से लोग उनके साथ हैं.

बीजेपी प्रत्याशी मुन्ना लाल गोयल जनता से की वदाखिलाफी

वहीं ग्वालियर पूर्व विधानसभा में, मुद्दों की अगर बात करें तो तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जो कमलनाथ सरकार में रहते हुए पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ने जनता से वादे किए, लेकिन एक भी काम पूरा नहीं हो पाया. ग्वालियर पूर्व विधानसभा में संभागीय मुख्यालयों और स्मार्ट सिटी क्षेत्र में शामिल होने के बाद भी इस विधानसभा के नई विकसित क्षेत्र में सड़क,सीवर लाइन की समस्या. तिघरा बांध का पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पाया है. कॉलोनी और छोटी बस्तियों की सड़कें बदहाल हैं. 38 अवैध कालोनियां भी यहीं ज्यादा विकसित हुई हैं. इन मुद्दों को लेकर ही 2018 के विधानसभा में मुन्नालाल गोयल ने जनता से सभी समस्याओं को दूर करने का वादा किया था. लेकिन जनता का कहना है कि मुन्नालाल गोयल ने इस विधानसभा की जनता के साथ धोखा किया है. उनके वोट को बेचा है, और जनता अब इस उपचुनाव में उनको सबक सिखाने जा रही है.

Last Updated : Oct 11, 2020, 6:14 PM IST

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