ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले 2 दिनों से चल रहा अर्थशास्त्र विषय पर सेमिनार का समापन हो गया. इस सेमिनार में देश के कई अर्थशास्त्रियों ने अपने शोध पत्र और विचार रखे. जीवन के स्तर में अर्थशास्त्र का महत्व क्या है इसे लेकर लोगों की जिज्ञासाओं को भी दूर किया गया.
जीवाजी विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन, अर्थशास्त्र के महत्व को बताया गया - शोध पत्र
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले 2 दिनों से चल रहा अर्थशास्त्र विषय पर सेमिनार का समापन हो गया. इस सेमिनार में देश के कई अर्थशास्त्रियों ने अपने शोध पत्र और विचार रखे. जीवन के स्तर में अर्थशास्त्र का महत्व क्या है इसे लेकर लोगों की जिज्ञासाओं को भी दूर किया गया.
अर्थशास्त्र विभाग के तत्वधान में गालव सभागार में आयोजित इस सेमिनार का विषय इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस, पॉलिसीज फॉर ट्रांसफॉर्मर, होम इकोनॉमिक्स और इन टू होम सेपिरंस था. सेमिनार में बताया गया कि आर्थिक उन्नति खुशी का मापदंड नहीं है. सही विकास के लिए मानव का समग्र रूप से विकास आवश्यक है. इसके लिए जनकल्याण से जुड़े सभी पहलू शामिल हैं. जैसे महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता मिशन, वित्तीय समावेशन, आयुष्मान भारत और खुशहाली सूचकांक जैसे विषय महत्वपूर्ण हैं.
सेमिनार में यह भी बताया गया कि अर्थशास्त्र का मतलब सिर्फ अंकगणित या अर्थ से नहीं है. बल्कि मानव जीवन का समग्र विकास अर्थशास्त्र से जुड़ा है. सेमिनार में राज्य योजना आयोग के पूर्व चेयरमैन गणेश कावड़िया मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे. सेमिनार में विभिन्न शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र भी पढ़े.