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बुजुर्गों को तीन शर्तों का करना होगा पालन, तब मिलेगी ITR में छूट

चार्टर्ड अकाउंट आशीष पारख ने ईटीवी भारत को बताया कि 75 साल से अधिक उम्र वाले हर बुजुर्ग को रिटर्न भरने से छूट नहीं मिलेगी. इसमें कुछ नियम और शर्तें हैं. इसी के आधार पर यह छूट दी जाएगी.

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Published : Apr 1, 2021, 5:16 PM IST

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ITR में छूट

ग्वालियर। वित्त वर्ष के पहले दिन यानी आज से काफी सारे नियमों में बदलाव होने जा रहा है. जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर आपकी जेब पर असर डालने वाला है. इसमें से एक बड़ा बदलाब बुजुर्गों के लिए होने जा रहा है. वित्त मंत्री ने 75 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को आयकर रिटर्न भरने में राहत देने का ऐलान किया था. अब 75 साल से अधिक उम्र वाले ऐसे बुजुर्गों को अब आरटीआर भरने की जरूरत नहीं है. लेकिन यह सभी बुजुर्गों तक लागू नहीं होता है. इसके कुछ नियम और शर्तें भी हैं. और इन 75 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को नियम और शर्तों के आधार पर ही रिटर्न भरने में छूट दी जाएगी. बुजुर्गों को रिटर्न भरने की छूट में क्या नियम शर्त है, और इसको आसानी से समझाने के लिए ग्वालियर के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंट आशीष पारख ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

बुजुर्गों को मिलेगी ITR में छूट

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 30 दिसंबर तक 4.73 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए

  • अब तक आयकर में सीनियर सिटीजन के होते थे दो स्लैब

आशीष पारख ने बताया कि अभी तक आयकर में सीनियर सिटीजन के दो स्लैब होते थे. पहला सीनियर सिटीजन उनको माना जाता था. जिनकी पिछले वित्तीय वर्ष में 60 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, और ऐसे बुजुर्गों को तीन लाख के स्लैब में छूट मिल जाती थी. दूसरी वह जो सुपर सीनियर में 80 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं. उन्हें 5 लाख के स्लैब में छूट दी जाती है. लेकिन अब वित्त मंत्री की घोषणा के बाद इसमें नए कानून को जोड़ा गया है. जो पिछले वित्तीय वर्ष में 75 वर्ष के हो चुके हैं. उनको अब आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है. कानून में जो नियम और शर्तें दिए गए हैं. उनका पालन करना पड़ेगा तभी रिटर्न भरने से छूट मिलेगी.

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  • बुजुर्गों को तीन शर्तों को करना होगा पालन
  1. नए कानून में 70 साल से अधिक बुजुर्गों को आयकर छूट के लिए तीन शर्तों का पालन करना बहुत ही आवश्यक होगा.
  2. पहली शर्त यह है कि जो बुजुर्गों की आय है. उसमें पेंशन इनकम और ब्याज इनकम के अलावा कोई अन्य इनकम नहीं होनी चाहिए. अगर जिलों की कहीं दूसरी जगह से आय हो रही है. या फिर रेंटल इनकम या शेयर का काम करते हैं. वह इस दायरे में नहीं आएंगे.
  3. दूसरी शर्त यह है कि ऐसे बुजुर्गों का सिर्फ एक ही बैंक में अकाउंट होना चाहिए.
  4. तीसरी शर्त यह है कि जहां पर जिस बैंक में उनकी पेंशन आ रही है, या फिर एफडी की हुई है. बैंकों को यह जिम्मेदारी दी गई है, कि संबंधित सीनियर सिटीजन खाताधारक की गणना करने के बाद संबंधित बैंक टैक्स जमा कराएगा. अगर सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं. तब उनको इनकम टैक्स रिटर्न भरने से छूट मिलेगी. मतलब कहा जा सकता है कि अब इन बुजुर्गों की जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है. बल्कि यह सभी नियम और शर्तों को पूरा करने के लिए उन्हें बैंक के भी चक्कर लगाने होंगे.

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