ग्वालियर।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, पूरे प्रदेश में मंगलवार को 343 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 15627 हो गई है. कोरोना वॉरियर्स कोरोना की जंग में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों का इलाज कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन डॉक्टरों का साथ देने के लिए अलग-अलग श्रेणी के पैरामेडिकल स्टाफ भी लगातार इनकी मदद कर रहे हैं. लेकिन ग्वालियर में डॉक्टर्स के साथ ड्यूटी कर रहे पैरामेडिकल स्टाफ को पिछले तीन से चार महीने से सैलरी नहीं दी गई है. जिसे लेकर सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन सरकार के इस रवैया से खफा है.
इस मामले को लेकर सरकार और मुख्य सचिव को चिट्ठी भी लिखी है. सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का मानना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका में निर्देश है कि आपदा प्रबंधन कोविड-19 की महामारी में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के समय से वेतन राज्य सरकार दें.
लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है. जबकि आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा समय पर वेतन न प्रदान करना आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने कहा है कि अगर सरकार पैरामेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं देगा तो कोविड-19 में काम करने वाले यह स्टाफ कैसे अपना घर चलाएंगे.