ग्वालियर। गुजरात के सूरत में कोचिंग क्लास में हुई आगजनी और 23 छात्रों की मौत के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे कोचिंग क्लासेज़ पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है, जहां आपात स्थिति में छात्रों को निकलने का पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. साथ ही कोचिंग क्लासेज, CCTV कैमरे अग्निशमन यंत्र और फायर ब्रिगेड के आने-जाने के लिए चौड़ी सड़क नहीं है.
कोचिंग क्लासेज़ की सुरक्षा जांचने पहुंचा प्रशासनिक अमला, खामियां मिलने पर कई को किया गया सील - कलेक्टर के निर्देश पर गठित पाँच टीमें
ग्वालियर जिला प्रशासन शहर में संचालित कोचिंग क्लासेज़ की सुरक्षा जांचने पहुंचा. जहां खामियां मिलने पर प्रशासन ने कई कोचिंग क्लासेज़ को सील किया है.
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कलेक्टर के निर्देश पर पांच टीमों का गठन किया गया है. जिनमें एसडीएम, सीएससी, शिक्षा अधिकारी और राजस्व अमला शामिल है. पहली कार्रवाई ओल्ड हाईकोर्ट के पास की गई है. यहां संकरे स्थान पर चल रहे कोचिंग नियम विरुद्ध मानते हुए सील किया गया. जिला प्रशासन की टीम फायर सेफ्टी सिस्टम इक्विपमेंट, रास्ता, खिड़की, पर्याप्त टॉयलेट, CCTV कैमरे जैसी व्यवस्था देख रहे हैं.
टीम ने पहले दिन एक दर्जन से ज्यादा कोचिंग सेंटर्स को चेक किया. इनमें आधे दर्जन से ज्यादा कोचिंग सेंटर काफी संकरे स्थानों पर चल रहे थे. जहां आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड का पहुंचना लगभग नामुमकिन था. जिस कारण से जिला प्रशासन ने रॉयल प्लाजा क्लासेस अभय पाटिल कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की. वहीं 6 कोचिंग सेंटर्स सील कर दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान कोचिंग संचालक जिला प्रशासन के अधिकारियों में विवाद की स्थिति भी देखने को मिली.