ग्वालियर। भले ही प्रदेश सरकार शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो, लेकिन शिक्षकों की पदस्थापना में विसंगतियों को चलते कई ग्रामीण स्कूलों के छात्र शिक्षा से दूर होते नजर आ रहे हैं. प्रदेश सरकार ने हाल में ही शिक्षकों का थोक में तबादला किया है, इन तबादलों के चलते कुछ स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, तो कहीं छात्र संख्या के बराबर शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं, इस तरह की स्थापना में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए कलेक्टर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं.
ग्वालियर में प्राइमरी मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल मिलाकर 1 हजार 973 स्कूल हैं, इन स्कूलों में से 25 फीसदी स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास बहुत मुश्किल से एक शिक्षक है. राज्य शिक्षा केंद्र के नियमों के मुताबिक 40 बच्चों पर एक शिक्षक की स्थापना की जाती है, जबकि ग्रामीण इलाके में कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 50 से लेकर 100 के बीच में है लेकिन, इनमें मात्र एक शिक्षक पदस्थ हैं. वहीं शहर के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं, जिनमें छात्र संख्या मुश्किल से 10 से 15 है लेकिन ऐसे स्कूलों में 4 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है. जानकारों की माने तो ये गड़बड़ी ऑनलाइन ट्रांसफर के चलते हुई है, यदि ये ट्रांसफर मैनुअली होते तो स्थानीय प्रशासन इस बात को समझ पाता कि किस स्कूल में कितने छात्र हैं और वहां पहले से कितने शिक्षकों की पदस्थापना की गई है.