ग्वालियर।अपनी वर्दी और पावर का रौब जमाना प्रदेश में दो थाना प्रभारियों को काफी भारी पड़ गया. पावर के नशे में चूर एक थाना प्रभारी ने जहां कानून को ताक पर रख दिया. वहीं उनकी इस करतूत में दूसरे क्षेत्र के थाना प्रभारी ने भी उनका साथा दिया. जब उन दोनों थाना प्राभारियों के कांड का भंडा फूटा तो एक को सस्पेंड कर दिया गया. जबकि दूसरे थाना प्रभारी लाइन अटैच हो गए.
ग्वालियर और दतिया का मिलाजुला मामला
मामला दतिया और ग्वालियर जिले से जुड़ा हुआ है. खास बात यह है कि इस मामले का खुलासा जेल में बंद आरोपी के पिता के शिकायत पत्र से हुआ है. उन्होंने बताया कि पहली बात तो घटना हुई ही नहीं. मेरे बेटे को जबरजस्ती केस में फंसा दिया गया है. मामूली बहस पर मोबाइल लूटने का आरोप लगा दिया, फिर जबरजस्ती दतिया ले गए और वहां हथियार के साथ पकड़ना बताकर जेल भेज दिया. अधिकारी शिकायत पढ़ते ही चौंक गए. जिसके बाद तुरंत इस मामले की जांच की गई तो फिरियादी की बात सही निकाली. फिर क्या, दोनों जिले के थाना प्रभारियों पर गाज गिर गई.
क्या है पूरी कहनी
इस पूरे मामले की कहानी फिल्मी है. मामला 15 जनवरी का है. दतिया कोतवाली के थाना प्रभारी रत्नेश सिंह यादव को अचानक कोई निजी काम आ पड़ा, जिसके लिए वे ग्वालियर के लिए रवाना हो गए. थाना प्रभारी अपना मुख्यालय छोड़ रहे थे, इसकी खबर किसी वरिष्ठ अधिकारी को भी नहीं दी. जैसे ही रत्नेश सिंह यादव ग्वालियर के कंपू थाना क्षेत्र पहुंचे, वहां किसी बदमाश ने उनका मोबाइल छीन लिया. अब पुलिसवाले का मोबाइल कोई बदमाश कैसे छीन सकता है, तुरंत थाना प्रभारी ने फिल्मी अंदाज में बदमाश का पीछा किया और बदमाश को पकड़ लिया. मोबाइल भी वापस ले लिया. आरोपी की पहचान शुभम भार्गव के रूप में हुई.
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जाहिर सी बात है कि दतिया कोतवाली थानेदार साहब अपने ज्यूरिडिक्शन एरिया से बाहर थे. लिहाजा उन्होंने इसकी सूचना कंपू थाना क्षेत्र की प्रभारी अनिता मिश्रा को दी. मौके पर पुलिसबल पहुंचा. लेकिन रत्नेश सिंह यादव ने कोई रिपोर्ट नहीं कराई. न ही आरोपी को कंपू पुलिस के हवाले किया.
बदमाश को ले आए दतिया
असली कहानी अब शुरू होती है. थाना प्रभारी रत्नेश सिंह यादव आरोपी को पकड़ कर अपने साथ दतिया ले आए. और अपने ही थाना में FIR दर्ज करा दी. इसमें मोबाइल लूट नहीं, बल्कि आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाईं. आरोपी शुभम भार्गव को जेल भेज दिया.
थाना प्रभारी रत्नेश सिंह यादव ने की ये गलती