मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अनलॉक के बाद ग्वालियर में बढ़ा अपराधों का ग्राफ, DGP ने दिए सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश

ग्वालियर में अनलॉक होने के बाद से शहर में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. इसको लेकर पुलिस विशेष अभियान भी चला रही है, साथ ही उन बदमाशों पर नजर भी रखी जा रही है जो पैरोल पर बाहर हैं.

Crimes are increasing in gwalior after unlock
अनलॉक के बाद ग्वालियर में बढ़ा अपराधों का ग्राफ,

By

Published : Jul 7, 2020, 3:31 PM IST

ग्वालियर।जिले में अनलॉक के साथ शहर के बदमाश भी अनलॉक हो गए हैं. शहर में लूट, चोरी और हत्या की वारदातों में लगातार इजाफा हो रहा है. लॉकडाउन के दौरान ये मामले न के बराबर थे, आज अनलॉक होने के बाद दोगनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि ग्वालियर पुलिस इन बदमाशों की लिस्ट बना रही है जो इन वारदातों में पहले से ही लिप्त हैं. साथ ही जो बदमाश सेंट्रल जेल से पैरोल पर या अभी यहीं से छूट रहे हैं, उनकी भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

अनलॉक के बाद ग्वालियर में बढ़ा अपराधों का ग्राफ,
ग्वालियर जिले में बाइक चोरी का आंकड़ा सबसे बड़ा है. ग्वालियर जिले में जैसे ही अनलॉक हुआ उसके बाद 22 दिन में ग्वालियर शहर से 70 बाइक और स्कूटी चोरी हुई हैं. वहीं अगर लॉकडाउन के अंतराल की बात की जाए तो इन दिनों में महज 15 वाहन चोरी हुए थे. मतलब साफ है कि जिले की सीमाओं से पुलिस की निगरानी हटते ही पड़ोसी जिले के वाहन चोर शहर में सक्रिय हो गए हैं. वो मौका देखकर लापरवाही से खड़े वाहनों को निशाना बनाकर वारदात को अंजाम देते हैं. मतलब लॉकडाउन 4 के बाद धीरे-धीरे वाहन चोरी होना शुरू हो गई थी. अनलॉक के साथ तो वाहन चोर पूरे शहर में हावी हो गए हैं.वहीं अगर वारदातों की बात की जाए तो लॉकडाउन के दौरान ग्वालियर शहर वारदातों से पूरी तरह से मुक्त रहा, लेकिन जैसे ही अनलॉक 1 की शुरूआत हुई तो शहर में आए दिन वारदातें होना शुरू हो गईं. पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा जारी होने वाले आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के समय में 25 मार्च से 31 मई तक शहर में लूट, डकैती, हत्या, हत्या का प्रयास और चोरी की घटनाओं की संख्या 62 थी, लेकिन अनलॉक यानी 1 जून से 26 जून तक इन अपराधों की संख्या तीन गुनी बढ़ गई और पुलिस विभाग को अपराध बढ़ने की आशंका पहले से ही थी. यही वजह है कि पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने के लिए कहा है. इसके बाद भी रोज होने वाले अपराध पुलिस की नाकामी की कहानी बयां कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details