ग्वालियर। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर (second wave of covid infection) के बाद अब टीकाकरण का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. ग्वालियर में ज्यादा से ज्यादा लोग, वैक्सीन (Vaccine) लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार के मंत्री भी, आम जनता को जागरूक कर रहे हैं. क्योंकि कोरोना संक्रमण की आने वाली तीसरी लहर (third wave) को वैक्सीनेशन (Vaccination) से ही रोका जा सकता है. यही वजह है किस शहर से लेकर गांव तक जिला प्रशासन (district administration) लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर रहा है और अब इस जागरूक अभियान का बहुत कम असर देखने को मिल रहा है. क्योंकि शहर के बाद गांव में भी टीकाकरण का आंकड़ा रफ्तार नहीं पकड़ रहा है. ग्वालियर में अब तक 4 लाख 94 हजार 191 लोगों को टीका लग चुका हैं. इनमें से 28 हजार से ज्यादा पुरुष और 20 हजार से अधिक महिलाएं शामिल है.
कोविड प्रभारी मंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक कर रहे हैं मेहनत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ग्वालियर के कोविड प्रभारी और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar), लगातार सक्रिय हैं. अकेले मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ऐसे मंत्री है जो पिछले 3 महीने से संक्रमण के दौरान दिन-रात मरीजों की सेवा कर हैं. मतलब हर वक्त वह अस्पतालों में जाकर मरीजों का हालचाल जान रहे हैं और इसी के चलते वह संक्रमण में सबसे ज्यादा चर्चित रहे हैं. इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री, टीकाकरण को लेकर लोगों को अब जागरूक कर रहे हैं. इसमें जिला प्रशासन भी पूरी तरीके से सहयोग कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद टीकाकरण को लेकर जो रफ्तार पकड़नी थी वह अब तक नहीं पकड़ पाई है. शहर के साथ-साथ गांव में भी टीकाकरण को लेकर अभी भी असमंजस है. यही वजह है कि गांव में टीकाकरण का आंकड़ा ज्यादा नहीं बढ़ पा रहा है.
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टीकाकरण के टारगेट में 'सेंधमारी'
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने में लोग अभी भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस कारण ग्वालियर के 143 केंद्रों में से 61 पर कोई भी टीका लगवाने नहीं पहुंचा. सोमवार को रात 9 बजे तक 9000 से अधिक टीके लगे थे. जबकि यह टारगेट 20000 का था. अभी भी रोज टीकाकरण के टारगेट में 50 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो टीका लगवाने के लिए नहीं आ रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन अपने स्तर पर शहर और गांव में लोगों को टीका लगवाने के लिए जागरूक कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों के मन में भ्रम होने के कारण टीका केंद्रों तक नहीं पहुंच रहे हैं.
5 महीने में 50 फीसदी ही Vaccination
देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी टीकाकरण अभियान को 5 महीने होने जा रहे हैं. इसके बावजूद ग्वालियर जिले की बात करें तो यहां पर अभी 50 फीसदी टीकाकरण हो पाया है. वहीं गांव की बात करें तो प्रशासन को गांव में 35 फीसदी टीकाकरण करने में सफलता हाथ लगी है. मतलब जिस तरीके से जिला प्रशासन और सरकार टीकाकरण को लेकर अभियान चला रही है उसको लेकर अभी लोग जागरुक नहीं है. वैक्सीन को लेकर अभी भी लोग डरे और सहमे हैं. यही वजह है कि गांव में अधिकतर लोग व्यक्ति लगवाने सेंटर पर नहीं पहुंच रहे हैं. लेकिन अब संक्रमण की दर कम होने के कारण ज्यादातर लोग व्यक्ति लगवाने के लिए सेंटर पर पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि अब वैक्सीनेशन को लेकर रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है.
जागरूकता बड़ी चुनौती
जिला स्वास्थ्य अधिकारी (district health officer) डॉक्टर मनीष शर्मा का कहना है कोरोना संक्रमण होने के कारण टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी थी. लेकिन अब संक्रमण की काफी कम होने के कारण टीकाकरण की रफ्तार काफी तेज हो रही है. इसके साथ ही कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जिला प्रशासन के अधिकारी, गांव-गांव जाकर मीटिंग ले रहे हैं. इस कारण वैक्सीनेशन को लेकर जागरूक हो रहे हैं. कई गांव ऐसे हैं, जिन्होंने पूरे गांव में वैक्सीनेशन कराने की संकल्प भी किया है. इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही उनका कहना है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं में टीकाकरण को लेकर उत्साह काफी कम देखा जा रहा था लेकिन अब जिला प्रशासन और मंत्री जी की मेहनत के चलते गांव में भी अब यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
ये कदम उठाएं जिला प्रशासन
- व्यापारी और नौकरी पेशा लोगों के लिए प्रशासन टीकाकरण को अनिवार्य करें.
- स्वास्थ विभाग की टीमें घर-घर जाकर युवाओं को वैक्सीन के लिए प्रोत्साहित करें.
- ऑटो, टेंपो चालकों और हॉकर्स के लिए भी टीकाकरण अनिवार्य किया जाए.
- वैक्सीन को लेकर लोगों के बीच फैली भ्रांतियां, दूर करने की योजना बनाई जाए.
- ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए.
- इसके साथ ही मोहल्लों और कॉलोनियों में टीकाकरण शिविर लगाया जाए.