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दिग्विजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, इस मामले में न्यायालय ने मानहानि का मामला दर्ज करने का दिया आदेश - भाजपा पर दिग्विजय सिंह का बयान

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ग्वालियर जिला न्यायालय ने मानहानि का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. दरअसल, 31 अगस्त 2019 को भिंड में आयोजित पत्रकार वार्ता में बयान दिया था. दिग्विजय सिंह ने कहा था कि एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, सभी बजरंग दल, भाजपा, आईएसआई से पैसा ले रहे हैं.

gwalior court
ग्वालियर कोर्ट

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Published : May 19, 2022, 2:25 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ग्वालियर जिला न्यायालय ने मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही मामले पर पुनर्विचार कर प्रकरण में अभियुक्त दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मानहानि का मामला दर्ज कर विधिवत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, 31 अगस्त 2019 को भिंड में आयोजित पत्रकार वार्ता में बयान दिया था. दिग्विजय सिंह ने कहा था कि एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, सभी बजरंग दल, भाजपा, आईएसआई से पैसा ले रहे हैं. इस पर थोड़ा ध्यान दीजिए. एक बात और बताऊं पाकिस्तान से आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं, गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं. (petition against digvijay singh in gwalior)

याचिकाकर्ता अवधेश सिंह भदौरिया

2020 में निरस्त कर दी थी याचिकाः आपको बता दें कि इस मामले में सिविल कोर्ट ने 11 जनवरी 2020 को इसी मामले को निरस्त कर दिया था. वहीं इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता अवधेश सिंह भदौरिया सत्र न्यायालय पहुंचा. जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि वह वकील होने के साथ-साथ RSS का कार्यकर्ता भी है. दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा और बजरंग दल के सभी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए गए हैं और करोड़ों कार्यकर्ताओं में से ही वह भी एक भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है. उसे भी दिग्विजय सिंह के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल करने का अधिकार है. (digvijay singh derogatory statement on bjp)

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इस आधार पर परिवाद पत्र खारिज नहीं किया जा सकता. जबकि दिग्विजय सिंह के विरुद्ध न्यायालय में सभी पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसके बाद सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को अवैधानिक और त्रुटि पूर्ण माना है. इसी के साथ अधीनस्थ न्यायालय को आदेश दिया है कि वह मामले पर पुनर्विचार कर प्रकरण में अभियुक्त के विरुद्ध मानहानि का मामला दर्ज कर विधिवत कार्रवाई करें.

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