ग्वालियर।आंखों से न दिखने वाला वायरस दुनिया को दिन में तारे दिखा रहा है, बड़े से बड़े सुपर पॉवर तक को घुटनों पर ला दिया है, दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना काल बनकर मौत बांट रहा है, जिसका समाधान ढूंढ़ने में पूरी दुनिया लगी है. यूके के कैंब्रिज यूनिर्वसिटी में कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च कर रहीं डॉक्टर हिमांशा सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कोरोना वैक्सीन और उससे बचने के उपायों के बारे में बताया. ग्वालियर की बेटी डॉ. हिमांशा को 2017 में सीएसएआर अवार्ड से भी सम्मानित किया चुका है. पेश है बातचीत के कुछ अंश.
सवाल-डॉ. हिमांशा सुनने में आ रहा है कि वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है, इसमें हमारे साइंटिस्ट को कितनी कामयाबी मिली है.
जवाब- इस वक्त वैज्ञानिक सभी की आशा बने हुए हैं, अभी तक पांच क्लीनिकल ट्रायल अप्रूव हो चुके हैं, कैंब्रिज भी इस में लगा है, पर सभी की निगाहें सबसे ज्यादा ऑक्सफोर्ड पर टिकी हुई हैं, इसलिए उम्मीद है कि उनका ट्रायल पहले ज्यादा सफल होगा. वैक्सीन आने में काफी वक्त लगता है, लेकिन एक वैक्सीन डेवलप हो चुकी है, वो काम करती है या नहीं, ये परिणाम आने पर पता चलेगा. सितंबर तक वैक्सीन का मास प्रोडेक्शन हो सकता है.
सवाल- इस वायरस से बचाव के लिए आपने दो ऐप्स भी तैयार किये हैं, किस तरह ये ऐप मददगार साबित होंगे.
जवाब-दो ऐप तैयार किए गए हैं, पहला सोशल डिस्टेंसिंग के लिए है और दूसरा वेब प्लेटफॉर्म के लिए है, जो सप्लाई और डिमांड को लेकर बनाई गई है. इसका नाम है WWW.SOLATE.CO, इस एप में आप अगर खाना बांट रहे हैं, किसी एनजीओ से जुड़े हैं, वॉलंटियर हैं तो खुद को रजिस्टर कर सकते हैं. ये मैप आपको इंट्रैक्टिव मैप पर ले जाएगा, जिसमें आपकी लोकेशन और आपकी जानकारी आ जाएगी, जो आप खुद से डाल सकते हैं. आप खुद चुन सकते हैं कि आपको कौन सी जानकारी डालनी है.
इस एप से ये फायदा है कि अगर घर बैठे आपको खाना पता लगाना है तो इस ऐप से पता लगाया जा सकता है, इसमें कॉल करके भी जानकारी मिल सकती है. प्रवासी मजदूरों के लिए ये एप ज्यादा कारगार है. वहीं दूसरा एप थांबा है, जिसका मराठी में मतलब थमना होता है. मतलब कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए इस ऐप को बनाया गया है. इस ऐप के जरिए घर बैठे भीड़ का पता किया जा सकता है. इस मैप में इंटर करते ही इंट्रैक्टिव मैप खुलेगा, मैप खुलते ही पता चल जाएगा कि उस एरिया में भीड़ है कि नहीं. इस मैप में भीड़ डॉट के जरिए पता चलेगी. ये मैप आपकी पर्सनल जानकारी और डेटा नहीं लेगी.
सवाल-यह दोनों ऐप बाजार और भारत में कब तक आएंगे.
जवाब- सोलेट को वेब प्लेटफॉर्म में लॉच कर दिया है, किसी भी ऐप को लोगों के सहयोग की जरुरत होती है. सोलेट को वॉलंटियर, एनजीओ और निगमकर्मी जाकर खुद को रजिस्टर कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं, जबकि थांबा एक दो दिन में आ जाएगा.
सवाल- अगर इस वायरस से किसी को इंफेक्शन हो जाता है तो इसका सबसे पहले कंफर्मेशन टेस्ट कैसे किया जाएगा, भारत में रैपिड टेस्ट का इस्तेमाल बंद है.