ग्वालियर। चंबल अंचल में कोरोना संक्रमण और बारिश से आई बाढ़ के बाद अब लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हालात यह है कि अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल (Jayarogya Hospital) में मरीजों की संख्या तीन गुना तक बढ़ चुकी है. अस्पताल में आने वाले सबसे ज्यादा मरीजों को बुखार, सर्दी, जुकाम (Fever, Cold, Flu) की शिकायत है. लेकिन इनमें से 5 फीसदी मरीजों का भी आरटीपीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) नहीं हो रहा है. यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि कोरोना संक्रमण की चपेट में आए मरीजों में भी यही लक्षण देखने को मिलते है. ऐसे में यह लापरवाही अंचल में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का कारण न बन जाए. इसकी ओर ना तो जिला प्रशासन का ध्यान है और ना हीं स्वास्थ्य विभाग ऐसे मरीजों पर नजर बनाए हुए हैं.
जयारोग्य अस्पताल में बड़े तीन गुना मरीज
अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में मरीजों की संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है. जयारोग्य अस्पताल में रोज एक हजार से अधिक बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज आ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को कोरोना के लक्षण तो नहीं है? क्योंकि इस समय अस्पताल में मौसमी बीमारी के जो मरीज आ रहे हैं उनके लक्षण कोरोना के समान है.
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लेकिन अस्पतालों में आने वाले मरीज ना तो अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करा रहे हैं और ना ही डॉक्टर मरीजों को टेस्ट कराने के लिए बोल रहे हैं. इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Counseling of Medical Research) ने कोरोना काल की शुरुआत में ही एडवाइजरी जारी की थी. इसमें इन लक्षण वाले सभी मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट करवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद अस्पतालों में आने वाले सिर्फ 5 फीसदी मरीज टेस्ट करवा रहे हैं.
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