ग्वालियर।ग्वालियर चंबल अंचल में हुए उपचुनाव के बाद अब कोरोना वायरस ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. कोरोना के आंकड़े लगातार तेजी से बढ़ने लगे हैं. इसके बावजूद ग्वालियर शहर में लोग न मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. शहर में भीड़ देखकर ऐसा लगा रहा है कि जैसे शहर में कोरोना महामारी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है, इस उपचुनाव के बाद एक बार फिर ग्वालियर जिले में कोरोना धीरे-धीरे हावी होने लगा है. यही वजह है कि सप्ताह भर से लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है.
दरअसल चुनावी सभाओं के दौरान जमकर सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियां उड़ाई गई. इसकी शुरुआत राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने शुरू की. ग्वालियर शहर में जनसभाओं के दौरान खुद प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह, पूर्व सीएम कमलनाथ सहित तमाम दिग्गज नेताओं ने यहां के लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाकर हजारों की संख्या में राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने पहुंचे थे. जिला प्रशासन और बीजेपी-कांग्रेस ने भले ही दावे किए थे कि कोरोना गाइड लाइन के हिसाब से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं लेकिन इन कार्यक्रमों में देखा गया था कि हजारों की संख्या में जो भीड़ एकत्रित हो रही है. वह भीड़ न तो सोशल डिस्टेंस का ध्यान रख रही थी और न ही मुंह पर मास्क लगाकर आई थी.
कोराना के प्रति लोग हुए लापरवाह
राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ एकत्रित देखकर अब शहर की जनता भी कोरोना महामारी को लेकर लापरवाह होने लगी. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में करीब 70 फीसदी लोग मुंह पर मास्क नहीं लगा रहे हैं, और करीब 90 फीसदी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी दफ्तरों में भी बहुत कम संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मास्क का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं इसको लेकर अब जिला प्रशासन भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है. और न ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है.