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शिवराज सरकार के बस का नहीं 'कुपोषित' आंगबाड़ी केंद्रों का पोषण! सामाजिक भागीदारी से गोद देकर कराएगी कायाकल्प

प्रदेश के 'कुपोषित' आंगनबाड़ी केंद्रों का पोषण अब शिवराज सरकार के बस का नहीं है, इसलिए सरकार इसके कायाकल्प के लिए (condition of Anganwadis will improve with public cooperation) इसे समाज से गोद लेने (Anganbadi adoption plan of Shivraj government) की अपील कर रही है.

condition of Anganwadis will improve with public cooperation
जन सहयोग से आंगनबाड़ियों की सुधरेगी हालत

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Published : Jan 24, 2022, 8:17 PM IST

ग्वालियर। प्रदेश के माथे पर लगे कुपोषण के कलंक को धोने की कोशिश में अग्रणी भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों का शिवराज सरकार कायाकल्प (condition of Anganwadis will improve with public cooperation) करने जा रही है. सरकार ने एक प्लान बनाया है, जिसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को समाजसेवियों को गोट दिया जाएगा, जिससे आंगनबाड़ियों की हालत तो सुधरेगी ही साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को संवारने और न्यूट्रिशन को लेकर जो करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ता था, उसकी भी बचत होगी. साथ ही उस पर निगरानी भी रखी जा सकेगी और सामाजिक सहभागिता भी बढ़ेगी.

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आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प का सामाजिक प्लान

अक्सर ऐसी तस्वीरें आती रहती हैं- जब आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषण आहार के नाम पर घटिया क्वालिटी का आहार परोसा जाता है, जबकि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाना सप्लाई करने वाली एजेंसी को हायर करती है, लेकिन उसमें घालमेल हो जाता है. उस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद देने जा रही है. योजना के मुताबिक कोई भी व्यक्ति आंगनबाड़ी केंद्र को गोद ले सकता है. शुरुआती दौर में आंगनबाड़ी भवन और कक्षा का निर्माण, पूर्व से निर्मित भवनों का सुधार, रंग-रोगन, पूर्व से निर्मित भवनों की बाउंड्री वॉल का निर्माण, हैंड पंप की स्थापना, बच्चों के लिए सुलभ शौचालय आदि के निर्माण में सहयोग कर सकते हैं.

जन सहयोग से आंगनबाड़ियों की सुधरेगी हालत

आंगनबाड़ी को गोद लेने 155 समाजसेवी आए आगे

महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि शिवराज सरकार का अडॉप्ट इन आंगनबाड़ी योजना के तहत जिले के सामाजिक व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. अब तक 155 समाजसेवियों के आवेदन आ चुके हैं, जिन्होंने शहर की अलग-अलग आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है. इस योजना के तहत शहर का कोई भी व्यक्ति किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र को गोद ले सकता है. इसके जरिए आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प और बच्चों को बेहतर सुविधा देने के लिए समाज भी सहभागिता निभाएगा. अकेले ग्वालियर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर नजर डालें तो

  • ग्वालियर जिले में कुल 1458 आंगनबाड़ी केंद्र हैं.
  • 3 लाख 37 हजार रुपए से अधिक का पोषण आहार रोजाना के हिसाब से मिलता है.
  • 1838235 आबादी वाले जिले के ग्रामीण-शहरी क्षेत्र में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है.

शिवराज सरकार का आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने का फॉर्मूला कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इससे सिद्ध होता है कि शिवराज सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने (Anganbadi adoption plan of Shivraj government) में राज्य सरकार नाकाम है, इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद दे रही है. वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि सरकार का ये कदम आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए है. जिससे समाज की भी सहभागिता बढ़ेगी.

जन सहयोग से आंगनबाड़ियों की सुधरेगी हालत

एक आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेंगे सीएम शिवराज

वैसे प्रदेश के कई स्थानों पर आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं, साथ ही उन स्थानों पर बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं हैं. शासन के पास भी बजट का संकट नजर आ रहा है. यही कारण है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प में जन सहयोग की तरफ हाथ बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में देखना होगा कि शिवराज सरकार की (Adopt Anganbadi) योजना कितनी कारगर होती है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद भोपाल के एक आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेंगे.

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