ग्वालियर।शहर के स्वास्थ्य अधिकारी मृदुल सक्सेना और सिविल सर्जन डॉक्टर बीके गुप्ता की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में कई लापरवाही के मामले सामने आए हैं. इस मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने CMHO मृदुल सक्सेना के लापरवाही का मुद्दा सामने रखा तो तुलसी सिलावट ने अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया. जिसके बाद दोनों डॉक्टरों को पद से हटा दिया गया है.
खबर का असर: लापरवाही के चलते CMHO और सिविल सर्जन को पद से हटाया गया
ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज को बिना नाम और पता पूछे ही कहीं दूसरी जगह दिखाने का सुझाव देने वाले डॉक्टरों को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश पर पद से हटा दिया गया है.
दरअसल शुक्रवार को ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल में कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज मिला था. जहां डॉक्टरों ने मरीज का बिना नाम और पता पूछे ही कहीं दूसरी जगह दिखाने का सुझाव दे दिया. जब ईटीवी भारत की टीम ने स्वास्थ्य अधिकारी मृदुल सक्सेना से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया था कि ये मरीज कौन है और कहां के रहने वाले हैं, हमें नहीं पता है.
जब ये मामला तूल पकड़ा तो डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों ने उस संदिग्ध मरीज को तलाशना शुरू कर दिया. 12 घंटे बाद उसके घर का पता लगा, तब जाकर डॉक्टर एंबुलेंस को लेकर उसके घर पहुंचे. जब डॉक्टरों की इस लापरवाही का मामला स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के संज्ञान में आया तो उन्होंने अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.