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हाईकोर्ट ने खारिज की कांग्रेस उम्मीदवार की मांग, बूथ कैप्चरिंग को लेकर लगाई थी याचिका

कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने 16 ऐसे मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराए जाने की मांग की है, जहां बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग होने की आशंका है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के अधिवक्ता द्वारा अर्जेंट हियरिंग की मांग चीफ जस्टिस ने खारिज कर दी है.

Congress candidate demand for urgent hearing rejected
कांग्रेस उम्मीदवार की अर्जेंट हियरिंग की मांग खारिज

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Published : Nov 6, 2020, 3:55 PM IST

ग्वालियर। जौरा विधानसभा क्षेत्र में 3 नवंबर 2020 को खत्म हुए उपचुनाव के मतदान के बाद कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने 16 ऐसे मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की है, जहां बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग होने का अंदेशा है.

कांग्रेस प्रत्याशी के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस संजय यादव को अर्जेंट हियरिंग का पत्र लिखकर शुक्रवार को सुनवाई की मांग की थी, लेकिन एक्टिंग चीफ जस्टिस ने पंकज उपाध्याय के अधिवक्ता की मांग को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस का कहना है कि इलेक्शन पिटीशन को नियमित सुनवाई में ही सुना जाएगा, जो संभवत 9 नवंबर 2020 को होगी.

कांग्रेस उम्मीदवार की अर्जेंट हियरिंग की मांग खारिज

दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने बीजेपी प्रत्याशी सूबेदार सिंह राजोधा पर बूथ कैपचरिंग और फर्जी मतदान कराए जाने का आरोप लगाया है. इसलिए उन्होंने ऐसे 16 मतदान केंद्रों की सूची निर्वाचन आयोग, प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी और हाईकोर्ट में पेश की है.

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7 नवंबर को पुनर्मतदान रिजल्ट घोषित करने की मांग
अधिवक्ता राजीव शर्मा ने 7 नवंबर 2020 को पुनर्मतदान कर रिजल्ट घोषित कराने की मांग की थी. कांग्रेसी प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने 23 अक्टूबर को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त बल लगाए जाने की मांग की थी, लेकिन जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया. हालांकि उनका यह भी कहना है कि अगर मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज निकाले जाए तो स्थिति साफ हो सकती है.

कमलनाथ भी कर चुके हैं पुनर्मतदान की मांग

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ग्वालियर क्षेत्र के सुमावली और मेहगांव के उन मतदान केंद्रों पर फिर मतदान की मांग उठाई थी, जहां मतदान के दौरान हिंसा हुई थी. हालांकि पीठासीन अधिकारी, केंद्रीय पर्यवेक्षक को ऐसा कोई आधार नहीं मिला, जिसके कारण पुनर्मतदान कराने का निर्णय लिया जाए. बता दें स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किया गया है.

दिग्विजय सिंह भी जाहिर कर चुके हैं नाराजगी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा 'मैं पहले दिन से यही कह रहा हूं कि कांग्रेस में सुमावली के बारे में चुनाव आयोग से शिकायत की थी' वहां की पूरी पुलिस एकतरफा हो गई है'. मुझे इस बात का दुख है कि जिस प्रकार की व्यवस्था करनी थी और एहतियात बरतना था, वह नहीं बरता गया है.दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें दुख इस बात का है कि चुनाव आयोग को हमने संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची दी थी. विशेषकर सुमावली और मेहगांव क्षेत्र की जो संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची दी थी और नामजद बताया था कि कौन-कौन पुलिस अधिकारी है, जो भाजपा के उम्मीदवारों का सहयोग करेंगे, लेकिन सुमावली में दिनभर गोली चलती रही, महिलाओं, गरीबों को वोट नहीं डालने दिया. मतदाताओं ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन वोट डालने का मौका नहीं मिला. उन्होंने सुमावली थाने का भी घेराव किया

प्रशासन और पुलिस तंत्र मिलकर भाजपा को जिताने का कर रहे हैं प्रयास - दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह के पुनर्मतदान पर क्या बोली कांग्रेस

सुमावली विधानसभा सीट पर जीत के दावे पर बोलते हुए ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि वोटिंग और वोटिंग के बाद से ही वह आश्वास्त हैं. सुमावली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा री-पोलिंग की मांग को लेकर ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि 'दिग्विजय सिंह कुछ भी कहे लोग तो उनकी बात का मजाक तक उड़ाते हैं' उनकी बात का कोई मतलब नहीं हैं.

री-पोलिंग पर बोले ऐदल सिंह कंसाना: 'दिग्विजय सिंह का लोग उड़ाते हैं मजाक, उनकी बात का कोई मतलब नहीं'

जौरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. यहां बीजेपी के पूर्व विधायक सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा का मुकाबला कांग्रेस के युवा चेहरा पंकज उपाध्याय से है और वहीं बसपा की तरफ से सोने राम कुशवाह मैदान में है. इस सीट पर जातिगत समीकरण उम्मीदवार को चुनाव में जीत दिलाने में अहम रोल निभाता है.कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार पंकज उपाध्याय को अगर ब्राह्मण के साथ वैश्य वर्ग का साथ मिलता है तो वो चुनाव में मजबूत स्थिति में होंगे. इसी तरह बहुजन समाज पार्टी को कुशवाहा और दलित वोट मिला कर उसका भी एक बड़ा वोट बैंक नजर आता है. वहीं अगर बात बीजेपी की करें तो बीजेपी पास क्षत्रिय मतदाता किरार धाकड़ मोटर और छोटी जातियों का बोर्ड मिलना तय माना जा रहा है इसलिए इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है

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