ग्वालियर। आम बजट पेश होने के बाद अब एमपी में भी सरकार अपना पिटारा खोलने वाली है. 22 फरवरी से मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है, जो कि 26 मार्च तक चलेगा. कोरोना महामारी के बाद मध्य प्रदेश सरकार का पहला बजट है, जिसको लेकर लोगों को काफी उम्मीद है कि प्रदेश सरकार इस बजट में आम लोगों को कुछ न कुछ राहत देगी. इस बजट को लेकर ग्वालियर के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष परख ने ETV भारत से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार इस समय भारी कर्ज में डूबी हुई है, उनको उम्मीद है कि इस बजट में लोगों को बहुत कुछ मिलने वाला है.
एमपी बजट पर चार्टर्ड अकाउंटेंट की राय प्रदेश के इस बजट से नहीं करना चाहिए ज्यादा उम्मीद
चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष परख का कहना है कि मध्य प्रदेश की जनता को इस बजट से ज्यादा उम्मीद नहीं रखना चाहिए, क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण सभी राज्यों की सरकारों के वित्तीय घाटे लिमिट से ज्यादा हो चुके हैं. मध्य प्रदेश के आने वाले बजट से हम ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते हैं क्योंकि कोरोना के कारण GST का जो कलेक्शन है वह भी नहीं हो पाया है.
डीजल-पेट्रोल पर वैट (VAT) कम नहीं होने की उम्मीद
चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष परख ने बताया कि डीजल-पेट्रोल पर VAT (Value Added Tax) लग रहा है उसकी छूट की उम्मीद हम इस बजट में नहीं कर सकते हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार इस समय कर्ज में डूबी हुई है. यही वजह है उसे सरकार चलाने के लिए पैसे की जरूरत है. यह जरूरत सरकार टेक्स्ट के जरिए पूरा करने में जुटी हुई है, इसलिए इस बजट से बहुत कम उम्मीद है कि सरकार डीजल-पेट्रोल के VAT को कम करें.
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साथ ही उनका कहना है कि सरकार का जो खर्चा है वह एक लिमिट तक आ चुका है, यही वजह है कि सरकार को अब वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए पैसा चाहिए. यह पैसा पर्यटन और मैन्युफैक्चरिंग पूरा करने में लगाया जाएगा, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पर्यटन क्षेत्र भी पूरी तरह बिखर चुका है. सरकार को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटन को लेकर सहीं रास्ते अपना रही है ताकि जो आने वाला कलेक्शन है उसमें बढ़ोतरी देखने को मिली. वहीं सरकार मैन्युफैक्चरिंग को लेकर भी बढ़ावा दे रही है जिससे घाटे की पूर्ति की जा सके.