ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने एक नाबालिग लड़की की सुपुर्दगी उसकी सौतेली बहनों को दे दी है. जिस व्यक्ति ने इस नाबालिग लड़की के पिता होने का दावा किया था, उसकी दलीलों को फिलहाल कोर्ट ने नहीं माना है. नाबालिग ने भी कहा है कि वह अपनी सौतेली बहनों के साथ रहना चाहती है और उस पर हक जताने वाला याचिकाकर्ता उसका पिता नहीं है, बल्कि उसकी बहनों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आने वाला शिक्षक है.
नाबालिग पर अधिकार का मामला
दरअसल, खंडपीठ में उपनगर हजीरा क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर नामक व्यक्ति ने एक याचिका दायर की थी. उसका कहना था कि उसकी दिवंगत पत्नी प्रेमलता से इस नाबालिग लड़की की जन्म हुआ है, लेकिन प्रेमलता के पहले पति से जन्मी तीनों लड़कियों ने उसे अपने पास रखा हुआ है. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किए थे और लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे.
लड़की ने पिता के साथ जाने से किया इंकार
बता दें कि, नोटिस के बाद 14 साल की लड़की को उसकी तीन सौतेली बहन मोहिनी, चेतना और महिमा ने पेश किया था. कोर्ट में लड़की ने अपने कथित पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया. अब पिता के अधिवक्ता का कहना है कि लड़की के जैविक पिता होने का सबूत देने के लिए वह न्यायालय में डीएनए टेस्ट कराने की मांग करेंगे. फिलहाल, 3 सप्ताह बाद इस मामले में फिर सुनवाई होगी.