ग्वालियर।श्री रामानंदाचार्य संप्रदाय के तीन प्रमुख अखाड़ों की पूरण बैराठी ने स्थानीय श्री गंगा दास की बड़ी शाला (Shri Ganga Das ki Badi shala) में विजयादशमी (Vijayadashmi) का पर्व धूमधाम से मनाया. इस मौके पर शाला के अस्त्र शस्त्रों का पूजन (Sastra Pooja) किया गया. संतों ने अंग्रेजों से लड़ाई में साधु संतों को श्रद्धांजलि देते हुए तोप से सलामी दी. इस दौरान हनुमान जी का अभिषेक भी किया गया. दरअसल देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (First Freedom Sangram) में रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai) को बचाने के लिए बड़ी गंगा दास के शाला के साधु-संतों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था.
प्राचिन तोप से शहीदों को दी श्रद्धांजलि
बड़ी गंगा दास के शाला में निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर अखाड़ों की पूरण बैराठी द्वाराचार पीठ है. ऐसे में शुक्रवार को दशहरे के मौके पर तीनों ही अखाड़ों की ओर से यहां दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया गया. शाला की परंपरा के मुताबिक दोपहर में तीनों अखाड़ों के संतों ने निशान पूजन किया और उसके बाद प्राचीन तोप से सलामी भी दी गई. शाला के संतों द्वारा चलाए गए अस्त्र शस्त्रों का पूजन किया गया. विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा प्राचीन काल से ही यहां चली आ रही है.