ग्वालियर। शहर में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के बीच प्रशासन की सख्ती से अब कारोबारी परेशान होते जा रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन कभी भी लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर देता है. यह ठीक नहीं है. पिछले साल कारोबारियों ने बड़ा नुकसान झेला है.
कारोबारियों ने संडे लॉकडाउन को भी अनुचित बताया है. कारोबारियों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को किसी भी तरह की कटौती का सामना नहीं करना पड़ रहा है. अगर सरकार सरकारी कार्यालय शनिवार और रविवार को बंद रखती है, तो उनकी दो दिन की पगार भी काटी जानी चाहिए. कई कारोबारियों का यह भी कहना है कि उन्हें अपने स्टॉफ की तनखा देनी पड़ती है. बिजली का बिल चुकाना पड़ता है, लेकिन कमाई के नाम पर वो जीरो हो जाते हैं.
कारोबार पर पड़ रहा असर, लॉकडाउन कोई हल नहीं
ग्वालियर शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. लगातार प्रशासन की सख्ती की वजह से कारोबारी परेशान हो रहे है. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उनके धंधे चौपट होते जा रहे है.
कारोबारी परेशान
रतलाम: 9 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन
कारोबार 60 फीसदी तक हुआ प्रभावित
कारोबारियों ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए नई गाइडलाइन का विरोध किया है. कारोबारियों का कहना है कि उनकी दुकानदारी रविवार के दिन बेहतर होती है. लोग छुट्टी के दिन खरीदारी करने निकलते हैं, लेकिन जब से लोगों ने लॉकडाउन के बारे में सुना है, तब से वे जरूरत लायक सामान खरीदते हैं. इससे उनका कारोबार 60 फीसदी तक प्रभावित हुआ है.