ग्वालियर।जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राकेश गुर्जर के आवास को अचानक सील करने के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े होने लगे हैं. क्योंकि इससे पहले ना तो कर्मचारी नेता गुर्जर को कोई नोटिस दिया गया, ना ही वहां किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियां सार्वजनिक हुई हैं.
'साहब' का भाई होने की सजा, रात के अंधेरे में बंगला सील
शहर के जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राकेश गुर्जर ने उनके आवास को सील करने को मनमानी कार्रवाई बताया है. राकेश कांग्रेस नेता साहब सिंह गुर्जर के भाई हैं. जिनके कब्जे से हाल ही में पुलिस और प्रशासन ने करोड़ों की शासकीय जमीन को मुक्त कराया था.
बता दें कि सोमवार की रात अचानक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राकेश गुर्जर का पर्यटन भवन के नजदीक स्थित शासकीय आवास सील कर दिया गया था. जनसंपर्क से जारी प्रेस नोट कहा गया था कि राकेश गुर्जर के बंगले पर असामाजिक और व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं. अचानक आवास को सील करने से कर्मचारी नेता सकते में हैं. उन्होंने इसे मनमानी कार्रवाई बताया है. राकेश कांग्रेस नेता साहब सिंह गुर्जर के भाई हैं. जिनके कब्जे से हाल ही में पुलिस और प्रशासन ने करोड़ों की शासकीय जमीन को मुक्त कराया था.
कर्मचारी नेता का कहना है कि उन्हें साहब सिंह का भाई होने की सजा दी जा रही है. वो इस कार्रवाई के खिलाफ कानून के दरवाजे पर दस्तक देंगे. उन्होंने कुलपति संगीता शुक्ला को भी इस कार्रवाई के बारे में बताया है. तहसीलदार के हवाले से जारी प्रेस नोट में बात करने के लिए प्रशासन का कोई भी अधिकारी सामने नहीं आ रहा है.