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रेमडेसिविर के बाद अब एम्फोटेरिसिन-बी की हो रही Black Marketing

ग्वालियर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में सरकार का कहना है कि जिस तरह से रेमडेसिविर को लेकर रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी ठीक उसी तरह ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी और जमाखोरी करने पर होगी.

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Published : May 19, 2021, 8:23 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में जिस तरह से रेमडेसिविर के लिए मरीज के परिजनों को भटकना पड़ रहा था. उसी तरह अब ब्लैक फंगस के इलाज के लिए परिजन भटक रहे हैं. ब्लैक फंगस के मरीज को लगने वाला इंजेक्शन Liposomal amphotericine-B बाजार में नहीं मिल रहा है. किसी भी बड़े मेडिकल स्टोर पर ये इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. यह हालत प्रदेश के किसी एक शहर के नहीं हैं, बल्कि हर जिले में ये हालत पैदा होने लगे हैं. इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. सरकार का कहना है कि जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वाले पर NSA के तहत कार्रवाई होगी.

जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वाले पर NSA के तहत कार्रवाई होगी.

ब्लैक फंगस से बढ़ीं मरीजों की मुसीबतें
सूबे में कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के बढ़ते केसों ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं. वहीं दवाइयों की जमाखोरी और कालाबाजारी की आशंकाएं भी बढ़ने लगी है. सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों को निःशुल्क उपचार सुलभ कराने का वादा किया है. राज्य में बीते कुछ दिनों में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आए हैं और कई ने तो दम ही तोड़ दिया है. यह मामले भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर के अलावा कई हिस्सों में भी सामने आ रहे हैं.

ब्लैक फंगस से खोयी बहन
ग्वालियर के धर्मेंद्र शर्मा की बहन को संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस हो गया था. ब्लैक फंगस में धर्मेंद्र ने अपनी बहन को खो दिया. धर्मेंद्र की बहन को ब्लैक फंगस का इंजेक्शन ग्वालियर में नहीं मिला, तो उन्होंने इंदौर से दलाल के जरिए इंजेक्शन मंगवाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और धर्मेंद्र की बहन ने प्राण त्याग दिये. शहर में रेमडेसिविर के बाद अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी की कालाबाजारी शुरू हो गयी है.

इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी
लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन अचानक बाजार से गायब हो गये हैं. पहले तो यह बाजार में मिल नहीं रहा और अगर कहीं मिल भी रहा है, तो 2000 रुपये के इस इंजेक्शन के 11,000-12,000 रुपये वसूले जा रहे हैं. इधर, सरकारी तंत्र वैसे ही लाचार और बेबस सा दिख रहा है. ये तब हुआ है, जब कोविड में ब्लैक फंगस के केस बढ़ने की खबरें आते ही एंटीफंगल इंजेक्शन की कमी होने लगी. दलाल मार्केट में सक्रिय हैं ही. बाजार से इंजेक्शन खत्म होना इत्तेफाक नहीं है. हालंकि सरकार के लोगों ने भी स्पष्ट कर दिया है, जो भी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी करेगा, वो जेल जायेगा और उस पर NSA भी लगेगा.

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सरकार ने जारी कीं गाइडलाइन
शिवराज सरकार ने साफ किया कि जिस तरह से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रासुका लगी थी, ऐसे ही ब्लैक फंगस के इंजेक्शन लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी की कालाबाजारी करने पर लगेगी. ग्वालियर और चंबल संभाग की कोरोना समीक्षा की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने ब्लैक फंगस को लेकर अस्पतालों को एलर्ट तो किया ही है. साथ ही अलग से वार्ड बनाने के आदेश भी दे दिए हैं. साथ ही लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी की जमाखोरी और कालाबाजारी को लेकर सरकार ने गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं.

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