ग्वालियर। मध्य प्रदेश में जिस तरह से रेमडेसिविर के लिए मरीज के परिजनों को भटकना पड़ रहा था. उसी तरह अब ब्लैक फंगस के इलाज के लिए परिजन भटक रहे हैं. ब्लैक फंगस के मरीज को लगने वाला इंजेक्शन Liposomal amphotericine-B बाजार में नहीं मिल रहा है. किसी भी बड़े मेडिकल स्टोर पर ये इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. यह हालत प्रदेश के किसी एक शहर के नहीं हैं, बल्कि हर जिले में ये हालत पैदा होने लगे हैं. इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. सरकार का कहना है कि जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वाले पर NSA के तहत कार्रवाई होगी.
ब्लैक फंगस से बढ़ीं मरीजों की मुसीबतें
सूबे में कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के बढ़ते केसों ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं. वहीं दवाइयों की जमाखोरी और कालाबाजारी की आशंकाएं भी बढ़ने लगी है. सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों को निःशुल्क उपचार सुलभ कराने का वादा किया है. राज्य में बीते कुछ दिनों में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आए हैं और कई ने तो दम ही तोड़ दिया है. यह मामले भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर के अलावा कई हिस्सों में भी सामने आ रहे हैं.
ब्लैक फंगस से खोयी बहन
ग्वालियर के धर्मेंद्र शर्मा की बहन को संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस हो गया था. ब्लैक फंगस में धर्मेंद्र ने अपनी बहन को खो दिया. धर्मेंद्र की बहन को ब्लैक फंगस का इंजेक्शन ग्वालियर में नहीं मिला, तो उन्होंने इंदौर से दलाल के जरिए इंजेक्शन मंगवाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और धर्मेंद्र की बहन ने प्राण त्याग दिये. शहर में रेमडेसिविर के बाद अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी की कालाबाजारी शुरू हो गयी है.