ग्वालियर। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हाल ही में मध्यप्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अंदरूनी गुटबाजी को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे पार्टी नेताओं में खलबली मच गई. नड्डा ने कहा कि पार्टी के अंदर आपसी सामंजस्य नहीं है. इसे ठीक करना होगा. नड्डा के इस बयान के बाद बड़े नेताओं में सन्नाटा छाया है. खासतौर पर ग्वालियर चंबल अंचल में इस समय सबसे अधिक गुटबाजी है. यहां बीजेपी के 2 गुट एक-दूसरे के विरोध में हैं. इसकी खबर पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई है. यही वजह है कि सामान्य तौर पर संगठन को लेकर कोई नकारात्मक भाषण देने से बचने वाले नड्डा भोपाल में बड़े आक्रामक नजर आए.
कार्यक्रम से परहेज:मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में सब कुछ बदल गया. यहां सिंधिया की एक अलग फौज खड़ी हो गई. इसका सबसे बड़ा असर बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं पर देखने को मिला. जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे यहां गुटबाजी बढ़ती गई. अब हालात यह हैं कि दोनों गुट के नेता एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाने से परहेज करते हैं.
दिग्गजों के बीच आपसी टक्कर:केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में 3 साल का समय गुजर गया लेकिन हालात यह हैं कि यहां सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी है. बीजेपी में सिंधिया के आने के बाद सबसे ज्यादा असर अंचल के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर हुआ है. सिंधिया के आने के बाद अपनी ही टक्कर का एक और नेता उन्हें मिल गया है. कई बार स्थिति ऐसी बनी है कि दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.